पछेती बुवाई के लिए बेस्ट हैं गेहूं की ये उन्नत किस्में, 15 जनवरी तक भी बो सकते हैं किसान.. होगी बंपर पैदावार
पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण गेहूं की बुआई इस साल देर से हो रही है. अब तक केवल 30.14 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है. कृषि विभाग ने देर से बोने वाली PBW किस्मों की सिफारिश की है और बाढ़ प्रभावित किसानों को समय पर 1.50 लाख क्विंटल मुफ्त बीज वितरित किए गए हैं, ताकि उत्पादन प्रभावित न हो.
Punjab News: पंजाब में इस साल लगातार बारिश और बाढ़ की वजह से गेहूं की बुआई देर से हो रही है. 15 नवंबर तक गेहूं बोने का सही समय होने के बावजूद इस बार गेहूं की खेती का क्षेत्र पिछले साल से 4.85 लाख हेक्टेयर कम है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक केवल 30.14 लाख हेक्टेयर में ही गेहूं बोया गया है, जबकि पिछली रबी में यह 35 लाख हेक्टेयर था. देर से बुआई के कई कारण हैं, जिसमें नदियों के पानी के साथ खेतों में तलछट जमा होना, 5,300 एकड़ से ज्यादा जमीन बह जाना और साउथ मालवा में कपास की कटाई में देरी होना भी शामिल हैं. हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि इस हफ्ते तक गेहूं बुवाई में और बढ़ोतरी होगी.
हालांकि, जानकारों का कहना है कि गेहूं बुवाई देरी होना चिंता की वजह है. क्योंकि इसका असर सिर्फ किसानों की आमदनी और अर्थव्यवस्था पर नहीं बल्कि राज्य के केंद्र को खाद्यान्न की आपूर्ति पर भी पड़ता है. इसको देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों को देर से बोने वाले गेहूं की किस्में अपनाने की सलाह दी है, ताकि कुल उत्पादन प्रभावित न हो.
ये हैं गेहूं की उन्नत किस्में
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि PBW RS1 और PBW 550 किस्में नवंबर के अंत तक बोई जा सकती हैं, जबकि PBW 771 और PBW 752 दिसंबर के अंत तक बोई जा सकती हैं. इसके अलावा, PBW 757 किस्म की सिफारिश की गई है, जिसे किसान 15 जनवरी तक बो सकते हैं. जिन किसानों ने अब तक गेहूं नहीं बोया, वे इन किस्मों का उपयोग कर सकते हैं. विभाग का मानना है कि अगर किसान इन देर से बोने वाली किस्मों को अपनाएंगे, तो गेहूं की कुल पैदावार प्रभावित नहीं होगी.
1.50 लाख क्विंटल बीज बांटे गए
हालांकि, राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को मुफ्त बीज देने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ किसानों का कहना था कि बीज बुआई के समय के बाद ही पहुंचे. इस पर कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि सभी योग्य किसानों को समय पर बीज मिल गए. उन्होंने कहा कि योग्य किसानों की पहचान राजस्व विभाग द्वारा की गई थी, जो विशेष गिरदावरी कर रहा था. मुफ्त बीज वितरण 23 अक्टूबर से शुरू हुआ और अब तक 1.50 लाख क्विंटल बीज बांटे जा चुके हैं. ऐसे बता दें कि इस साल बाढ़ ने पंजाब में भारी तबाही मचाई. करीब 4 लाख हेक्टेयर में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचा था. साथ ही 200 से अधिक मवेशियों की मौत भी हो गई थी.