गेहूं बुवाई में देरी से घट जाती है पैदावार, घाटे से बचना है तो 25 नवंबर से पहले जरूर कर लें बुवाई

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह ने कहा कि धान-गेहूं की खेती करने के दौरान किसान अक्सर गेहूं की बुवाई में देरी कर देते हैं. इसकी वजह से गेहूं की पैदावार कम हो जाती है. इसलिए किसान इस रबी सीजन में समय से गेहूं की बुवाई जरूर कर लें.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 17 Nov, 2025 | 08:39 PM

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बेस्ट प्रेक्टिस एवं विजन डॉक्यूमेंटेशन गोष्ठी में कृषि विकास की रूपरेखा पेश करते हुए कहा कि खेती में तकनीक, सटीक प्रबंधन और नवाचार से प्रदेश की कृषि का भविष्य बदलेगा. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि गेहूं की बुवाई में देरी से होने के कारण गेहूं की पैदावार कम हो जाती है. इसलिए किसान हर हाल में 25 नवंबर तक बुवाई जरूर कर लें.

यूपी के विकास में कृषि की अहम भूमिका

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को “विकसित उत्तर प्रदेश-2047” के तहत बेस्ट प्रेक्टिस एवं विजन डॉक्यूमेंटेशन पर आयोजित विचार मंथन गोष्ठी में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का जो संकल्प लिया है, उसमें उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में कृषि क्षेत्र को उत्पादकता, नवाचार, तकनीक और प्रबंधन के माध्यम से नए आयाम दिए जा रहे हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2047 तक छह ट्रिलियन यूएस डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें कृषि क्षेत्र से एक ट्रिलियन यूएस डॉलर के योगदान का रोडमैप तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गोष्ठी में कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान शामिल हुए हैं, जिन्होंने बदलते कृषि परिदृश्य और भावी आवश्यकताओं पर विचार रखे.

तकनीक आधारित खेती को बढ़ाया दिया जा रहा

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने बताया कि कृषि विकास कार्यशाला में तकनीक आधारित खेती, फसलों का विविधीकरण, समय पर उर्वरक उपलब्धता, कृषि ऋण की सुविधा, बेहतर प्रबंधन और सहकारी समितियों की भूमिका को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में जिला सहकारी बैंकों के पुनरुद्धार कार्य ने किसानों में भरोसा बढ़ाया है. सभी सहकारी समितियों को कैश क्रेडिट लिमिट प्रदान कर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. ओवर-रेटिंग की रोकथाम के लिए समितियों को क्यूआर कोड उपलब्ध कराए गए हैं.

कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश नवाचार और तकनीक को शामिल कर कृषि क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करेगा.

किसानों की आमदनी को तीन गुना बढ़ाना है

सचिव कृषि ने बताया कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 हेतु 22 उद्देश्य हैं. इसमें कृषि में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी प्राप्त करना, कृषि में विविधिकरण करना, मृदा स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, कृषि में मशीनरी को बढ़ावा देना, अच्छे बीज को समय पर उपलब्ध करवाना, किसानों की आमदनी को तीन गुना बढ़ाना, स्मार्ट क्रॉप डायवर्सिफिकेशन करना, कृषि वानिकी, फसल बीमा अच्छादन बढ़ाना, कृषि में इनोवेशन को बढ़ावा देना, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना, किसानों तथा कर्मचारियों की ट्रेनिंग तथा कैपेसिटी बिल्डिंग, जलवायु अनुकूलन प्रबंधन, इत्यादि शामिल हैं.

प्रमुख सचिव नियोजन आलोक ने बताया कि नीति आयोग के तीन स्तंभ है अर्थशक्ति, जीवनशक्ति तथा सृजनशक्ति. उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी हेतु सभी सेक्टर को मिलकर कार्य करना होगा तथा कृषि में प्रोसेसिंग तथा एक्सपोर्ट के माध्यम से एक ट्रिलियन इकोनामी मिल सकती है. साथ ही हमें हरियाणा तथा पंजाब से प्रोडक्टिविटी में आगे बढ़ने की आवश्यकता है.

नीति आयोग की सलाहकार डॉ राका सक्सेना ने बताया भारत की ग्रोथ 5 प्रतिशत है जबकि यूपी की ग्रोथ 5.5 प्रतिशत है यहां 09 करोड़ किसान कृषि पर निर्भर हैं जिनमें अधिकतर किसान महिलाएं हैं इसलिए जेंडर फ्रेंडली इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है.

अच्छी उपज के लिए गेहूं की समय पर बुवाई जरूरी

निदेशक मक्का डॉ. एचएस जाट ने बताया कि मक्का का इथेनॉल बनाने में उपयोग होने के कारण भारत की निर्भरता पेट्रोल पर कम हुई है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) निर्देशक डॉ. सुधांशु सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि धान-गेहूं की खेती में अक्सर गेहूं की बुवाई देरी से होने के कारण गेहूं की पैदावार कम हो जाती है. इसलिए 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई कर ली जानी चाहिए.

डॉ संजय अरोड़ा, सीएसएसआरआई, लखनऊ ने अवगत कराया कि यूपी की जमीन का ऑर्गेनिक कार्बन 0.2-0.3 प्रतिशत है. इसलिए ढैंचा का उपयोग क्रॉपिंग सिस्टम में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए करना चाहिए. डॉ संजय सिंह डीजी उपकार ने अवगत कराया कि आय बढ़ाने हेतु किसानों को ग्रीष्मकालीन सब्जी, बागवानी फसलों जैसे आम, अमरूद, ड्रैगन फ्रूट इत्यादि उगाने पर भी जोर देना चाहिए.

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Published: 17 Nov, 2025 | 08:32 PM

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