इस खाद से गेहूं में बढ़ेगा प्रोटीन, ये 5 खाद डालीं तो लहलहा उठेगी फसल.. बंपर उपज पक्की
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि गेहूं की फसल में खाद डालने का सही समय चुनना भी बहुत जरूरी है. गेहूं की क्वालिटी बेहतर करने और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बनाने के लिए प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी होगी. इसके लिए सल्फर खाद का इस्तेमाल किसानों को करना चाहिए.
रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई तेजी से चल रही है. भारतीय कृषि अनुसंधन संस्थान दिल्ली के निदेशक सुधांशु सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई जरूर कर लें, ताकि उत्पादन अच्छा हो सके. ऐसे में किसानों को बुवाई के साथ खाद और पहला पानी देने के बारे में भी सचेत किया गया है. कहा गया है कि खाद का सटीक उपयोग गेहूं की क्वालिटी को बेहतर कर सकता है. जबकि, सल्फर, यूरिया, पोटाश समेत 5 खाद को डालने और फसल को होने वाले फायदों की जानकारी भी किसानों को दी गई है.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एग्रीकल्चर बेस्ट प्रेक्टिस एवं विजन डॉक्यूमेंटेशन गोष्ठी में पहुंचे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) निर्देशक डॉ. सुधांशु सिंह ने कहा कि धान की खेती करने वाले किसान अकसर गेहूं की बुवाई में देरी कर देते हैं. इस देरी से गेहूं की पैदावार कम हो जाती है. उन्होंने किसानों से कहा कि 25 नवंबर से पहले हर हाल में गेहूं की बुवाई कर लें. इसके अलावा कृषि वैज्ञानिकों ने उर्वरकों के इस्तेमाल और उनके असर के बारे में भी जानने के लिए किसानों से अपील की है.
गेहूं में प्रोटीन बढ़ाने के लिए इस खाद का करें इस्तेमाल
कृषि सलाह में कहा गया है कि गेहूं बुवाई के 18–22 दिन बाद जब फसल तीसरे पत्ते की अवस्था में पहुंच जाएं और पौधों की जड़ें थोड़ा मजबूत हो जाएं तब पानी देने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फुटान बेहतर होता है. इसी के साथ खाद डालने का सही समय होना भी बहुत जरूरी है. गेहूं की क्वालिटी बेहतर करने और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बनाने के लिए प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी होगी. इसके लिए सल्फर खाद का इस्तेमाल किसानों को करना चाहिए.
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मिट्टी में सल्फर की सही मात्रा से बढ़ेगा प्रोटीन
यदि मिट्टी में सल्फर की कमी है तो 8–10 किलो सल्फर प्रति एकड़ के हिसाब से गेहूं की फसल में डाल सकते हैं. सल्फर डालने से गेहूं के दाने में प्रोटीन बढ़ता है और फसल को ज्यादा मजबूत बनाता है.
ये खाद रोग से बचाती है दाने को भर देती है
पोटाश (MOP-म्यूरिएट ऑफ पोटाश) – पहले पानी पर 10–15 किलो प्रति एकड़ पोटाश गेहूं की फसल में डालना फसल के लिए बहुत फायदेमंद है. पोटाश पौधों को रोगों से बचाता है, अनाज में दाना अच्छे से भरता है और ठंड व सूखे के समय पौधों को मजबूती देता है.
पौधों को पीला नहीं पड़ने देगी जिंक सल्फेट
जिंक सल्फेट- गेहूं की फसल में जिंक सल्फेट 10–12 किलो (21% वाला) प्रति एकड़ पहले या दूसरे पानी पर डालें. जिंक की कमी से पौधे पीले पड़ जाते हैं और पैदावार कम हो जाती है, इसलिए इसे समय पर देना बहुत जरूरी है.
पौधे में नाइट्रोजन भर देती है ये फर्टिलाइज
यूरिया (नाइट्रोजन) देने का समय- गेहूं की फसल में पहले पानी के बाद यूरिया देना बहुत जरूरी है. सिंचित खेत में 45–50 किलो प्रति एकड़ और असिंचित खेत में 25–30 किलो प्रति एकड़ यूरिया डालें. यूरिया पौधों को नाइट्रोजन देती है, जिससे पौधों की बढ़वार तेज होती है, पत्तियां हरी रहती हैं और तने मजबूत बनते हैं.
कठोर मिट्टी से निकल आएगा पौधा
डीएपी (DAP-फॉस्फोरस)- अगर गेहूं बीज की बुवाई के समय पूरी DAP नहीं डाली गई थी, तो पहले पानी पर 15–20 किलो प्रति एकड़ DAP डालना चाहिए. DAP पौधों की जड़ों को मजबूत करती है और शुरुआती वृद्धि को बेहतर बनाती है, जिससे फसल तेजी से खड़ी होती है.