पंजाब के किसानों और श्रमिकों की समस्याओं को उजागर करेगी KMM, सरकार से की कई प्रमुख मांगें
किसान मजदूर मोर्चा पंजाब के किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों के सामने आ रहे गंभीर समस्याओं को लेकर 15 अक्टूबर 2025 को किसान भवन, चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की है. इस दौरान वह कई मुद्दों की जमीनी हकीकत दिखाने का दावा भी कर रही है.
Punjab Farmers Issues: पिछले कई महीनों से पंजाब के किसान अपनी फसल की लंबित बकाया राशि की मांग कर रहे हैं, वहीं कर्मचारी और मजदूर भी सरकारी नीतियों और विभागीय फैसलों से प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में किसान मजदूर मोर्चा पंजाब के किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों के सामने आ रहे गंभीर समस्याओं को लेकर 15 अक्टूबर 2025 को किसान भवन, चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की है. इस दौरान वह कई मुद्दों की जमीनी हकीकत दिखाने का दावा भी कर रही है. चलिए जानते हैं किसान मजदूर मोर्चा यानी KMM की सरकार से क्या मांगे हैं.
प्रमुख मुद्दे जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठेंगे
PSPCL विभाग का निजीकरण
आज KMM और PSPCL कर्मचारी यूनियनों के बीच PSPCL विभाग के संभावित निजीकरण पर गंभीर चर्चा होगी. दरअसल, यह मुद्दा कर्मचारियों की नौकरी, वेतन और भविष्य को सीधे प्रभावित करता है.
गन्ना किसानों के भुगतान में देरी
कई गन्ना किसानों को उनकी फसल की खरीद के बाद भी बकाया राशि नहीं मिली है. इस विषय पर KMM नेताओं ने सरकार से सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.
धान खरीदी संकट
वर्तमान समय में पंजाब के अनाज बाजारों में धान की खरीद में अनियमितताएं और देरी की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. इससे किसानों की आय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
फसल नुकसान और प्राकृतिक आपदाओं का मुआवजा
सरकार द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि किसानों के नुकसान की तुलना में बहुत कम है. KMM इस मुद्दे पर किसानों के हक के लिए आवाज उठाएगा.
पराली जलाने का मुद्दा
सरकार की नीति के तहत पराली जलाने के लिए किसानों को अक्सर दोषी ठहराया जाता है, जबकि असली कारण औद्योगिक और नीतिगत गलतियां हैं.
रबी सीजन में उर्वरक की कमी
उर्वरक की कमी और सप्लाई में व्यवधान से किसानों को खेती में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
शंभू और खानौरी सीमा पर हुए किसान विरोध प्रदर्शन
इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसानों को हुए नुकसान के मुआवजे की लंबित राशि भी चर्चा का हिस्सा होगी.
पहले किए गए प्रयास और सरकार से संवाद
KMM के नेताओं ने बताया कि उन्होंने पहले भी कई दौर की बैठकों में किसानों और कर्मचारियों के मुद्दों को सरकार और संबंधित अधिकारियों के सामने रखा है. इन बैठकों में उन्होंने सरकार से लंबित बकाया राशि जल्द जारी करने, कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा और कृषि से जुड़े अन्य नीतिगत सुधार की मांग की थी. हालांकि, अब तक कोई संतोषजनक समाधान नहीं मिल पाया है.