कश्मीर घाटी के बागवान और फल कारोबारी इन दिनों भारी संकट से गुजर रहे हैं. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के लगातार बंद रहने से सेब और नाशपाती जैसे फलों से भरे सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं. लंबे समय तक माल न पहुंच पाने की वजह से करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है और कई किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई है.
सात दिनों से बंद राजमार्ग
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला सबसे अहम रास्ता है. लेकिन पिछले सात दिनों से यह मार्ग भूस्खलन और लगातार हो रही बारिश की वजह से बंद पड़ा है. हाल ही में हुए क्लाउडबर्स्ट और भारी बारिश ने कई जगहों पर सड़क धंसा दी है और बड़े-बड़े पत्थर गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है. सोमवार को कुछ देर के लिए सड़क खोली गई थी, मगर बारिश लौटने के बाद इसे फिर से बंद करना पड़ा.
करोड़ों का फल बर्बाद
फलों से भरे करीब 800 ट्रक काजीगुंड के पास खड़े हैं. इनमें नाशपाती और सेब की शुरुआती किस्में भरी हुई हैं. नाशपाती का शेल्फ-लाइफ बहुत कम होता है, इस कारण से अधिकांश माल खराब हो चुका है. कश्मीर वैली फ्रूट ग्रोअर्स-कम-डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन बशीर अहमद बशीर के मुताबिक, “सिर्फ नाशपाती ही नहीं, बल्कि सेब की क्वालिटी भी प्रभावित हो गई है. किसान अब इन्हें औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं.” उनका कहना है कि घाटी के बागवानों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है.
ट्रांसपोर्ट की बड़ी चुनौती
राजमार्ग पर आए इस संकट का कोई पुख्ता विकल्प किसानों और कारोबारियों को नहीं मिल पा रहा है. वैकल्पिक मुगल रोड सिर्फ छह-टायर वाले ट्रकों के लिए खुला है. लेकिन बागवानी उत्पादों की ढुलाई आमतौर पर 10-टायर ट्रकों से ही की जाती है, क्योंकि इनसे बड़ी मात्रा में माल एक साथ पहुंचाया जा सकता है. शोपियां फ्रूट मंडी के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ वानी कहते हैं, “छह-टायर वाले ट्रक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं. इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.”
रेल कनेक्टिविटी की मांग
लगातार हो रहे इस नुकसान को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर और दिल्ली के बीच फलों की ढुलाई के लिए एक विशेष रेल सेवा शुरू करे. उनके अनुसार, “अगर रेलवे मंत्रालय घाटी और दिल्ली के बीच समर्पित ट्रेन सेवा शुरू करता है तो इससे बागवानों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी.”
किसानों की चिंता
कश्मीर के बागानों से हर साल लाखों टन सेब और अन्य फल देशभर में भेजे जाते हैं. लेकिन इस बार हाईवे के बंद होने से समय पर डिलीवरी नहीं हो पा रही. इससे न केवल किसानों को नुकसान हो रहा है, बल्कि मंडियों में सप्लाई चेन भी बिगड़ रही है. अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो आने वाले दिनों में फल उद्योग को गहरा झटका लग सकता है.