मूली एक ऐसी सब्जी है जो भारत के हर हिस्से में आसानी से उगाई जाती है. चाहे गांव हो या शहर का किचन गार्डन, मूली की खेती लोग बड़े चाव से करते हैं क्योंकि इसकी फसल जल्दी तैयार होती है और ज्यादा देखभाल भी नहीं मांगती. लेकिन अगर आपने कभी मूली उगाई है तो शायद आपने महसूस किया होगा कि एक दिन पत्तियां हरी-भरी होती हैं और अगली सुबह वो कटी-कटी या झुलसी-सी दिखती हैं. इस नुकसान के पीछे होता है एक नन्हा पर बेहद खतरनाक कीट-पत्तियां खाने वाली इल्ली.
क्या है ये पत्तियां खाने वाली इल्ली?
ये इल्ली असल में पतंगे या तितलियों के जीवन चक्र की शुरुआती अवस्था होती है. जब ये इल्ली मूली के पौधों पर हमला करती है, तो सबसे पहले पत्तियों को निशाना बनाती हैं. एक बार पत्तियां कमजोर हो गईं, तो पौधे की बढ़त रुक जाती है और धीरे-धीरे पूरी फसल कमजोर होकर बेकार हो जाती है.
सबसे आम इल्ली- कैबेज लूपर
मूली पर सबसे ज्यादा हमला कैबेज लूपर इल्ली करती है. इसका नाम इसकी चलने की अजीब अंदाज की वजह से पड़ा है, यह लहराती हुई (loop जैसी) चलती है. यह हरे रंग की होती है और मूली की पत्तियों में इतनी घुल-मिल जाती है कि पहली नजर में पकड़ में नहीं आती.
कैसे पहचानें कि मूली पर इल्ली का हमला हुआ है?
अगर आपकी मूली की पत्तियों में छोटे-छोटे गोल छेद नजर आ रहे हों या पूरी पत्ती गायब हो गई हो, तो समझ जाइए कि इल्ली काम पर है. साथ ही अगर पत्तियों पर छोटे हरे या काले रंग के मल (ड्रॉपिंग्स) दिखें, तो यह भी साफ संकेत है कि कोई इल्ली मूली पर मेहमान बन बैठी है.
इससे बचाव का तरीका
अगर इल्ली की संख्या कम है, तो आप उन्हें हाथ से उठाकर हटा सकते हैं. हालांकि यह थोड़ा समय लेने वाला तरीका है, लेकिन छोटे खेत या किचन गार्डन के लिए कारगर है. दूसरा तरीका है नीम का तेल या कीटनाशी साबुन का छिड़काव. ये जैविक उपाय इल्ली को मारते हैं और पौधे को नुकसान नहीं पहुंचाते.
रोकथाम ही सबसे बेहतर इलाज
मूली की फसल को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि खेत में साफ-सफाई बनी रहे. खेत या गमले के आस-पास की घास-पात, सूखे पत्ते और जालियां हटा दें, क्योंकि यही जगहें इल्ली छिपने और अंडे देने के लिए चुनती हैं. साथ ही, अगर आप केवल मूली नहीं बल्कि साथ में दूसरी सब्जियां भी उगाते हैं, तो इससे कीटों का ध्यान बंटता है और वे एक ही फसल को टारगेट नहीं कर पाते.