सावधान! देसी अंडों के नाम पर चल रहा था बड़ा खेल! एक लाख नकली अंडे बरामद, फैक्ट्री सील

खाद्य विभाग की जांच में पाया गया कि सफेद अंडों को चाय की पत्ती, कत्था, सिंदूर और केमिकल मिलाकर रंगा जा रहा था. इस रंग को अंडे के ऊपर लगाने से वह हुबहू देसी अंडे जैसा दिखाई देने लगता था और दुकानों पर महंगे दामों पर बेचा जाता था.

नई दिल्ली | Published: 28 Nov, 2025 | 07:26 AM

Fake Eggs: सर्दियों में अंडे की खपत बढ़ जाती है. लोग गर्माहट, पोषण और प्रोटीन के लिए अंडे का सेवन ज्यादा करने लगते हैं. लेकिन इसी बढ़ती मांग के बीच मुरादाबाद से एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जिसने आम लोगों को हैरान कर दिया. जिस अंडे को आप देसी समझकर खरीद रहे थे, हो सकता है वह किसी फैक्ट्री में रंग मिलाकर तैयार किया गया हो. खाद्य सुरक्षा विभाग की ताजा कार्रवाई ने ऐसे ही एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है.

लाखों नकली देसी अंडे बरामद

मुरादाबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग ने काशीपुर रोड स्थित एक गोदाम में छापा मारकर एक ऐसी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया जो सफेद अंडों को आर्टिफिशियल रंग लगाकर देसी अंडे में बदल रही थी. जिस गोदाम में छापा पड़ा, वहां लगभग एक लाख रंगे हुए अंडे मिले, जबकि हजारों सफेद अंडे रंगने की तैयारी में थे. पूरे गोदाम को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है और मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया. मौके पर मौजूद दस मजदूर रंगने का काम कर रहे थे. यानी यह सिर्फ छोटा-मोटा धोखा नहीं, बल्कि संगठित तरीके से चल रहा कारोबार था.

कैसे बनाए जा रहे थे ‘देसी अंडे’?

खाद्य विभाग की जांच में पाया गया कि सफेद अंडों को चाय की पत्ती, कत्था, सिंदूर और केमिकल मिलाकर रंगा जा रहा था. यह रंग अंडे के ऊपर लगाने से वह देसी अंडे जैसा दिखाई देने लगता था और दुकानों पर महंगे दामों पर बेचा जाता था.

सबसे खतरनाक बात यह है कि सिंदूर में लेड (शीशा) पाया जाता है, जो शरीर के लिए धीमा जहर साबित हो सकता है. यही लेड खाने के जरिए शरीर में जाता रहता, जिससे-

फैक्ट्री सील, मालिक गिरफ्तार

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के अनुसार यह पूरा मामला एक बड़े सप्लाई नेटवर्क से जुड़ा लग रहा है. रंगे हुए अंडे किस-किस इलाके में सप्लाई होते थे, इसकी जांच शुरू कर दी गई है. ऐसा अंदेशा है कि ये अंडे आसपास के जिलों और स्थानीय मंडियों में ‘देसी’ के नाम पर बेचे जाते होंगे.

अधिकारियों के मुताबिक, यह धोखाधड़ी लंबे समय से चल रही थी. गोदाम से रंग मिलाने के लिए उपयोग किए जाने वाले केमिकल, ब्रश, टब और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं, जिन्हें लैब जांच के लिए भेजा गया है.

क्यों हो रही है इस तरह की ठगी?

सर्दियों में देसी अंडों की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि लोग मानते हैं कि देसी अंडे ज्यादा पौष्टिक होते हैं. देसी अंडों की मार्केट कीमत सामान्य अंडों से तीन गुना तक अधिक होती है. इसी भारी अंतर का फायदा उठाकर कुछ लोग नकली देसी अंडे तैयार कर आसानी से मोटा मुनाफा कमा लेते हैं.

आप अपने घर में कैसे पहचानें असली और नकली अंडा?

इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद जरूरी है कि आप घर पर अंडे की जांच करना सीखें.

अब क्या करेगी प्रशासन?

खाद्य विभाग ने इस मामले को गंभीर अपराध मानते हुए पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है. अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि इन अंडों की सप्लाई कहां-कहां होती थी, इसमें और कौन लोग शामिल हैं, क्या अन्य जिलों में भी ऐसी फैक्ट्री चल रही हैं, जांच पूरी होने पर और भी गिरफ्तारी हो सकती है.

सर्दियों में सेहत पर खतरा बढ़ा

अंडे प्रोटीन का बड़ा स्रोत हैं, लेकिन नकली और रसायनयुक्त अंडे सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए अंडे खरीदते समय—

यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि खाने-पीने की चीजों में मिलावट का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है.

Topics: