Blue Eggs: अंडे की बात करते ही ज्यादातर लोग सफेद या भूरे अंडों के बारे में सोचते हैं. लेकिन क्या आपने कभी नीले अंडे देखे हैं? सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन दुनिया में कुछ खास नस्ल की मुर्गियां ऐसे अंडे देती हैं, जिनका रंग नीला होता है. ये अंडे न सिर्फ देखने में खूबसूरत होते हैं बल्कि इनकी वजह से मुर्गियों की ये नस्लें दुनियाभर में मशहूर भी हैं.
अरौकाना: नीले अंडों की मशहूर नस्ल
नीले अंडों देने वाली सबसे प्रसिद्ध नस्ल का नाम अरौकाना (Araucana) है. यह नस्ल चिली के अरौकाना इलाके में पाई जाती है. इन मुर्गियों की सबसे खास बात यह है कि इनके कानों पर भी पंख होते हैं और उनकी पूंछ नहीं होती. अरौकाना नस्ल की मुर्गियां केवल नीले अंडे ही नहीं देतीं, बल्कि हरे रंग के अंडे भी देती हैं. माना जाता है कि 1914 में स्पेन के पक्षी वैज्ञानिक साल्वाडोर कैस्टेल ने इस नस्ल को पहली बार देखा और इसी वजह से इसका नाम अरौकाना पड़ा.
अन्य नस्लें जो देती हैं रंग-बिरंगे अंडे
अरौकाना के अलावा कुछ और नस्लें भी नीले या रंग-बिरंगे अंडे देती हैं. इनमें अमेरौकाना (Ameraucana) और ईस्टर एगर (Easter Egger) शामिल हैं. ईस्टर एगर नस्ल नीले के अलावा हरे और गुलाबी रंग के अंडे भी देती है. इसके अलावा, क्रीम लेगबार (Cream Legbar) हल्के नीले अंडों के लिए मशहूर है, जबकि ऑलिव एगर (Olive Egger) मुर्गियां नीले और भूरे अंडे देती हैं. इन नस्लों के अंडे देखने में बहुत आकर्षक होते हैं और इन्हें पाले जाने की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है.
नीले अंडे क्यों होते हैं
वैज्ञानिकों का मानना है कि नीले अंडों का रंग एक विशेष रेट्रोवायरस की वजह से बदलता है. यह वायरस मुर्गी के शरीर में जाकर उसके जीनों को प्रभावित करता है. इस बदलाव के कारण अंडे का रंग नीला हो जाता है. हालांकि, अंडों की पोषण गुणवत्ता या खाने की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता. केवल रंग में अंतर होता है. यानी सफेद और भूरे अंडों के अलावा अब नीले अंडे भी मौजूद हैं, जो खास नस्ल की मुर्गियों से मिलते हैं.
भारत में नीले अंडे की दुर्लभ घटना
हाल ही में कर्नाटक के दावणगेरे जिले में एक किसान की मुर्गी ने नीला अंडा दिया, जिसने सभी को चौंका दिया. पशु चिकित्सकों ने इस मुर्गी को विशेष निगरानी में रखा. विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना बहुत ही दुर्लभ है और भारत में नीले अंडे पाना असामान्य है.