उत्तर प्रदेश बना फूड प्रोसेसिंग में टॉप, हर गांव तक पहुंचेगा रोजगार

लखनऊ जिले के सभी ब्लॉकों में पीएमएफएमई योजना को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाए जाएंगे, ताकि योजना की बारीकियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 16 Apr, 2025 | 07:38 AM

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर पहुंच चुका है. इस योजना के जरिए गांव-गांव तक रोजगार पहुंच रहा है और किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं. लखनऊ में 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने 7-कालिदास मार्ग स्थित कार्यालय में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और पीएमएफएमई योजना की समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के जरिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. हमारी मंशा है कि हर गांव में कम से कम एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट जरूर स्थापित हो, ताकि ग्रामीण युवा और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें.

योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर

डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना का प्रचार-प्रसार पूरे प्रदेश में तेजी से हो. उन्होंने कहा कि सभी प्रचार माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए योजना की जानकारी हर गांव, हर पंचायत तक पहुंचे. विशेष रूप से प्रत्येक शुक्रवार को होने वाली ग्राम चौपालों में पीएमएफएमई योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए.

इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि स्वयं सहायता समूहों (SHG) को फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स से जोड़ा जाए ताकि महिलाएं भी इस क्षेत्र में अपना योगदान दे सकें. साथ ही, इन्क्यूबेशन सेंटर्स को चालू करने की कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाएगी और इन सेंटर्स का लाभ हर हाल में लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.

लखनऊ में होगा पायलट प्रोजेक्ट

लखनऊ जिले के सभी ब्लॉकों में पीएमएफएमई योजना को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाए जाएंगे, ताकि योजना की बारीकियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके. इसके साथ ही, योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मुख्यालय पर कॉल सेंटर की भी स्थापना की जाएगी.

यूपी का प्रदर्शन सबसे बेहतर

समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन देश में सबसे बेहतर है. यूपी का स्ट्राइक रेट 99% है, जबकि पूरे भारत का औसत मात्र 56% है. यानी यूपी में जिन लोगों को लोन स्वीकृत हुआ, उन्हें समय से अनुदान भी मिल गया. यूपी में केवल 101 दिनों में लोन अप्रूव हो जाता है, जबकि बिहार में 110 और तेलंगाना में 190 दिन लगते हैं. इसके अलावा यूपी में लोन डिस्ट्रिब्यूशन में 14% की वृद्धि भी दर्ज की गई है.

बजट में भी भारी बढ़ोतरी

कारोबारी साल 2024-25 में यूपी ने पिछले साल की तुलना में 250 करोड़ रुपये अधिक बजट खर्च किया है. आने वाले साल 2025-26 के लिए 300 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया गया है. इस अहम बैठक में राज्य मंत्री ग्राम्य विकास श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम, अपर मुख्य सचिव श्री हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव श्री बी एल मीणा, आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी, और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सभी ने मिलकर योजना को और मजबूत करने के सुझाव दिए.

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