इस देश में 30 लाख आवारा कुत्तों का होगा कत्लेआम, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

मोरक्को सरकार का मानना है कि शहरों में स्ट्रे डॉग्स की मौजूदगी पर्यटकों और वर्ल्ड कप देखने आने वाले लोगों के लिए खतरा और गंदगी का कारण बन सकती है. इस सोच के चलते बड़ी संख्या में इन कुत्तों को खत्म करने का अभियान शुरू किया गया है.

नई दिल्ली | Published: 21 Aug, 2025 | 10:14 AM

क्या कभी आपने सोचा है कि किसी खेल आयोजन के लिए लाखों मासूम जानवरों की जान ली जा सकती है? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह हकीकत है. साल 2030 का फीफा विश्वकप मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल में आयोजित होना है. लेकिन इस बड़े आयोजन से पहले मोरक्को सरकार ने जो कदम उठाने की तैयारी की है, उसने पूरे विश्व को हिला दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोरक्को करीब 30 लाख स्ट्रे डॉग्स (आवारा कुत्तों) को मौत के घाट उतारने की योजना बना रहा है, ताकि उसके शहर साफ-सुथरे और “खूबसूरत” दिखाई दें.

क्यों हो रहा है कुत्तों का कत्लेआम?

मोरक्को सरकार का मानना है कि शहरों में स्ट्रे डॉग्स की मौजूदगी पर्यटकों और वर्ल्ड कप देखने आने वाले लोगों के लिए खतरा और गंदगी का कारण बन सकती है. इस सोच के चलते बड़ी संख्या में इन कुत्तों को खत्म करने का अभियान शुरू किया गया है. बताया जा रहा है कि कुत्तों को जहर देकर, गोली मारकर या बिजली के झटकों से मारा जा रहा है. कई बार तो उन्हें पकड़कर भीड़भाड़ वाले शेल्टर होम्स में डाल दिया जाता है, जहां अमानवीय परिस्थितियों में उनकी जान ले ली जाती है.

दुनियाभर में गुस्सा और विरोध

यह खबर सामने आते ही सोशल मीडिया और इंटरनेशनल एनजीओज में गुस्से की लहर दौड़ गई. एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स ने इस फैसले को “क्रूर और अमानवीय” करार दिया है. मशहूर प्राइमेटोलॉजिस्ट और एनिमल वेलफेयर एक्टिविस्ट जेन गुडॉल ने भी फीफा महासचिव को पत्र लिखकर इस योजना को रोकने की मांग की है. उनका कहना है कि खेलों की आड़ में लाखों निर्दोष जानवरों की बलि देना मानवता पर धब्बा है.

इतिहास में कब-कब हुआ ऐसा कत्लेआम?

यह पहली बार नहीं है जब बड़े आयोजनों के लिए जानवरों की जान ली जा रही हो.

रूस 2018 फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट से पहले हजारों स्ट्रीट डॉग्स को मौत के घाट उतारा गया था.

मोरक्को 2022 एक गवर्नर ने कुत्तों की हत्या का आदेश दिया था, जिस पर कोर्ट ने रोक लगाई, लेकिन कत्लेआम जारी रहा.

ब्राजील, चीन और पाकिस्तान यहां भी समय-समय पर आबादी नियंत्रण के नाम पर कुत्तों को जहर या गोली से मारने की घटनाएं सामने आती रही हैं.

भारत में भी गरम है बहस

भारत में भी स्ट्रे डॉग्स का मुद्दा बड़ा संवेदनशील है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर शेल्टर होम्स में भेजा जाए. इस फैसले को लेकर समाज बंटा हुआ है. कुछ लोग इसे सुरक्षा के लिए जरूरी मानते हैं, तो वहीं एनिमल लवर्स इसे क्रूरता मानकर विरोध कर रहे हैं.