चिंता न करें.. गेहूं-चावल का भरपूर स्टॉक, सीमा पर तनाव के मद्देनजर बोले कृषि मंत्री

सीमा पर तनाव को देखते हुए कृषि मंत्री ने कहा है कि हमारे पास खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है. हमारे कृषि भंडार भरे हुए हैं. आलू, प्याज के साथ ही दलहन, तिलहन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है.

नोएडा | Updated On: 9 May, 2025 | 03:57 PM

सीमा पर तनाव को देखते हुए कृषि मंत्री ने कहा है कि हमारे पास खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है. हमारे कृषि भंडार भरे हुए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया, लेकिन हमने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया. पाकिस्तान जिस तरह से नापाक हरकते कर रहा है सेना उसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है. उन्होंने कहा कि हम आतंकवादियों को नहीं छोड़ेंगे. हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया, लेकिन हमने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया. पाकिस्तान जिस तरह से नापाक हरकते कर रहा है सेना उसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के तौर पर हमारी जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है. गेहूं, चावल या अन्य अनाज, हमारे पास पर्याप्त मात्रा में है.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहन ने अधिकारियों से फसल बुआई, खाद्यान्न, फल-सब्जी उत्पादन तथा उपलब्धता की जानकारी लेने के साथ मौजूदा परिस्थितियों में किसानों को कहीं-कोई दिक्कत नहीं आने देने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है. हमारी जवाबदारी है खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करना. गेहूं, चावल व अन्य अनाज हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. बंपर उत्पादन हुआ है, किसानों से खरीद भी जारी है. कल ही हमने खरीफ कांफ्रेंस में भी विस्तार से चर्चा करके खेती के संबंध में रूपरेखा निर्धारित की है.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने नारा दिया था जय जवान-जय किसान, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जोड़ा-जय विज्ञान और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसमें जोड़ा-जय अनुसंधान. जवान तैयार है, किसान तैयार है व वैज्ञानिक भी तैयार है, उनका अनुसंधान भी काम आएगा. यह संतोष की बात है कि हमारे पास अन्न के भंडार इस समय भरे हुए हैं.

भरपूर है गेहूं और चावल

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3322.98 लाख मीट्रिक टन था, जो 2024-25 में बढ़कर 3474.42 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. चावल की भी कोई कमी नहीं है, पिछले साल के 1378.25 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले इस साल 1464.02 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है. गेहूं पिछले साल था 1132.92 लाख मीट्रिक टन, जो इस बार 1154.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है, जिसमें और बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. गेहूं-चावल दोनों का उत्पादन एक साल में चार से पांच प्रतिशत बढ़ा है.

दलहन-तिलहन के आंकड़े भी बढ़िया

शिवराज सिंह ने बताया कि दालों का उत्पादन भी भरपूर हुआ है, जो 242.46 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 250.97 लाख मीट्रिक टन हो गया, वहीं कुल तिलहन 396.69 लाख मीट्रिक टन से 428.98 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हो गया है. उन्होंने बताया कि फल-सब्जियों की भी चिंता नहीं है, बागवानी फसलों का उत्पादन भी पिछले साल के 3547 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 3621 लाख मीट्रिक टन हो गया है.

आलू-प्याज का कितना है स्टॉक

आलू पिछले वर्ष 570.53 लाख मीट्रिक टन था, जो इस बार 595.70 लाख मीट्रिक टन है. प्याज 242.67 लाख मीट्रिक टन था, जो इस साल 288.77 लाख मीट्रिक टन है. इसी तरह, टमाटर 213. 23 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 215.49 लाख मीट्रिक टन है.

धान की खरीद जोरों पर

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने किसानों से उपज खरीद की भी जानकारी दी और बताया कि 8 मई तक की स्थिति में वर्ष 2024-25 में 539.88 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. इसी तरह, 8 मई तक 267.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं किसानों से खरीदा जा चुका है और यह सिलसिला जारी है. अगली फसल के लिए भी किसान तैयार है, कल ही खरीफ कांफ्रेंस हुई और हमने तय किया है कि खरीफ सीजन में उत्पादन कैसे बढ़ें, इसके लिए वैज्ञानिक व कृषि कर्मचारी मैदान में निकलेंगे.

बुवाई में देरी पर प्लांटिंग मैटेरियल का इस्तेमाल होगा

शिवराज सिंह ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में कई बार गांव खाली कराए जाते हैं तो ऐसे में हम यह आंकलन भी कर रहे हैं कि वहां अभी कौन-सी फसल बोई जाती है, जिसके लिए बीज व प्लांटिंग मटेरियल भी हम तैयार रखेंगे. अगर थोड़ी-बहुत लेट भी बोवनी होती है तो उस परिस्थिति में उन्हें क्या जरूरत होगी, उसकी चिंता भी हम करेंगे. हमारे अधिकारी-कर्मचारी रक्तदान भी करना चाहते हैं. 14 मई को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी रक्तदान करेंगे.

Published: 9 May, 2025 | 03:04 PM