मसालों की मांग बढ़ी, पहली तिमाही में 6 फीसदी उछाल के साथ निर्यात पहुंचा 1.15 अरब डॉलर

अमेरिका भारतीय मसालों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है, जहां 2024-25 में 711.16 मिलियन डॉलर के मसाले निर्यात किए गए. यह पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी की बढ़ोतरी है.

नई दिल्ली | Updated On: 19 Jul, 2025 | 08:24 AM

भारत के मसाला उद्योग के लिए इस साल की पहली तिमाही अच्छी खबर लेकर आई है. अप्रैल से जून 2025 के बीच भारत से मसालों का कुल निर्यात 6.2 फीसदी बढ़कर 1.156 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि के 1.088 बिलियन डॉलर से अधिक है. इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह रही ओलियोरेसिन, मसाला तेल, लाल मिर्च, बीज वाले मसाले और मसाला मिक्स की मजबूत मांग.

अमेरिका और चीन सबसे बड़े खरीदार

अमेरिका भारतीय मसालों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है, जहां 2024-25 में 711.16 मिलियन डॉलर के मसाले निर्यात किए गए. यह पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी की बढ़ोतरी है. पहले नंबर पर चीन है.

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, ऑल इंडिया स्पाइस एक्सपोर्टर्स फोरम के चेयरमैन इमैनुअल नांबुस्सेरिल बताते हैं, “ओलियोरेसिन, मसाला तेल और स्पाइस मिक्स जैसे वैल्यू एडेड उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है. खासकर अमेरिका में जुलाई से संभावित टैरिफ बढ़ने की आशंका के चलते जून तक ही ज्यादा ऑर्डर निकल गए.”

जून में थोड़ी सुस्ती लेकिन सालभर की उम्मीद बरकरार

जहां अप्रैल और मई के महीने में मसालों का निर्यात तेजी से बढ़ा, वहीं जून में इसमें थोड़ी गिरावट दर्ज की गई. जून 2025 में भारत से कुल 312.85 मिलियन डॉलर के मसाले भेजे गए, जो पिछले साल जून के 320.07 मिलियन डॉलर से 2.26 फीसदी कम है. हालांकि अप्रैल-मई के दो महीनों में कुल निर्यात 9.7 फीसदी बढ़कर 843.6 मिलियन डॉलर रहा, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 768.82 मिलियन डॉलर था.

नांबुस्सेरिल का मानना है कि आने वाले महीनों में मसालों का निर्यात और बढ़ सकता है, बशर्ते मौसम अच्छा रहे और अमेरिका में टैरिफ को लेकर कोई बड़ा झटका न लगे. “अगर सब कुछ अनुकूल रहा तो पूरे वित्त वर्ष में 5 फीसदी की वृद्धि की संभावना है,” उन्होंने कहा.

भारत बना सबसे बड़ा मसाला निर्यातक

भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक है, बल्कि सबसे बड़ा उपभोक्ता और निर्यातक भी है. वित्त वर्ष 2024-25 में मसाला निर्यात मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

मसाला निर्यात की मात्रा: 17.99 लाख टन (पिछले साल 15.40 लाख टन)

डॉलर में मूल्य:  4,722.65 मिलियन डॉलर (6 फीसदी की वृद्धि)

रुपये में मूल्य: 39,994.48 करोड़ रुपये (8 फीसदी की वृद्धि)

बाजार की अनिश्चितता बनी चुनौती

हालांकि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने की आशंका ने मसाला व्यापारियों को चिंता में डाल दिया है. यह देखा जाना बाकी है कि अगस्त में यह फैसला होता है या नहीं. अगर टैरिफ बढ़ते हैं, तो भारतीय मसालों की कीमतें अमेरिका में बढ़ेंगी, जिससे मांग पर असर पड़ सकता है.

Published: 19 Jul, 2025 | 08:20 AM