गाय-भैंस से ज्यादा दूध चाहिए? तो जानिए दूध निकालने का सही समय और तरीका

गाय-भैंस से अधिक दूध पाने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है. दूध निकालते समय थनों की सफाई, सही तकनीक और तनावमुक्त माहौल बेहद जरूरी है. इन बातों का ध्यान रखने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 Aug, 2025 | 06:00 AM

भारत के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन, विशेषकर गाय और भैंस पालन, आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. अनेक परिवार अपनी घरेलू जरूरतों की पूर्ति और अतिरिक्त आय के लिए दूध उत्पादन पर निर्भर करते हैं. दूध न केवल पोषण का साधन है, बल्कि बाजार में बेचकर आर्थिक मजबूती भी प्रदान करता है.

हालांकि, बहुत से पशुपालक अभी भी पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहते हैं और उन्हें दूध निकालने के सही समय, तरीके और वैज्ञानिक विधियों की जानकारी नहीं होती. इसका असर सीधे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर पड़ता है. यदि पशुपालन को सही दिशा में किया जाए और सही समय पर दूध निकाला जाए, तो उत्पादन में काफी वृद्धि की जा सकती है. यह न केवल पशुपालकों की आय बढ़ा सकता है, बल्कि देश के दुग्ध उत्पादन में भी बड़ा योगदान दे सकता है. इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

सुबह का समय है सबसे बेहतर

यदि आप गाय या भैंस से अधिक दूध प्राप्त करना चाहते हैं, तो सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है. रातभर आराम करने के कारण पशु का शरीर ताजा रहता है और थनों में दूध अच्छे से जम जाता है. साथ ही, रात का चारा सुबह तक पच जाता है, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. सुबह का शांत वातावरण पशु के लिए भी आरामदायक होता है, जिससे वह तनावमुक्त रहता है. इसके विपरीत, शाम को पशु थके होते हैं और चारा भी पूरी तरह नहीं पच पाता, जिससे दूध की मात्रा में कमी आ जाती है.

दूध निकालने से पहले की सफाई जरूरी

  • दूध निकालने से पहले थनों की सफाई करना बहुत जरूरी है ताकि दूध में कोई संक्रमण न फैले.
  • हल्के गुनगुने पानी से थन को साफ करें.
  • साफ और मुलायम कपड़े से थन को पोंछें.
  • साफ-सफाई से दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होती है और पशु भी स्वस्थ रहता है.

तनावमुक्त वातावरण बनाएं

  • दूध निकालते समय पशु को आरामदायक वातावरण देना बहुत जरूरी होता है.
  • शोर-शराबे से दूर शांत वातावरण रखें.
  • पशु को प्यार से बुलाएं और उसके सिर या पीठ पर हल्के हाथ से सहलाएं.
  • तनाव से दूर रहने पर पशु अधिक दूध देता है.
  • अगर पशु घबराए या डरे हुए होते हैं, तो दूध रुक जाता है या बहुत कम मात्रा में निकलता है.

दूध निकालने की सही तकनीक अपनाएं

  • दूध निकालते समय हाथों का इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए, जिससे थनों को कोई चोट न पहुंचे.
  • हल्के हाथों से थनों को दबाकर धीरे-धीरे दूध निकालें.
  • थनों को ज्यादा खींचने या झटके से दबाने से बचें.
  • दूध निकालने के बाद थनों पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं, ताकि संक्रमण से बचा जा सके.
  • सही तकनीक अपनाने से पशु भी सहयोगी बनते हैं और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.

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Published: 19 Aug, 2025 | 06:00 AM

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