महाराष्ट्र में अगस्त से हो रही बारिश के चलते भारी संख्या में किसानों को नुकसान हुआ है. तब से लगातार मुआवजे की मांग को लेकर किसानों के प्रदर्शन के बावजूद भरपाई नहीं हो पाई है. महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार, सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री से मुआवजा देने की मांग की, लेकिन कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं होने से किसानों में नाराजगी बढ़ गई है. इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में कई किसान और मजदूर संगठनों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान करते हुए 10 अक्तूबर से आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी है.
महाराष्ट्र में अगस्त से शुरू हई बारिश ने सितंबर के अंतिम सप्ताह तक भारी कोहराम मचाया है. भारी बारिश ने अहिल्यानगर, मराठवाड़ा क्षेत्र और सोलापुर जिले में खेतों को भारी नुकसान पहुंचाया है. भारी बारिश और बाढ़ से 60 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है. पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र भर में विरोध प्रदर्शन किया और सरकार को भरपाई नहीं करने पर राज्यभर में आंदोलन की चेतावनी दी है. कांग्रेस ने भाजपा नीत सरकार पर निष्क्रियता और खोखले वादे करने का आरोप लगाया. इससे पहले शरद पवार ने भी विरोध प्रदर्शन रैली निकाली थी.
बारिश प्रभावित किसानों को सरकार मदद देगी- अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र के उन किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जिनकी अत्यधिक वर्षा के कारण फसल का भारी नुकसान हुआ है. अहिल्यानगर जिले के प्रवरनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र कृषक समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है और राज्य सरकार द्वारा औपचारिक क्षति आकलन पेश करने के बाद समय पर फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र के किसानों को कोई भी मदद देने में देरी नहीं करेंगे.
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किसान सभा समेत कई संगठन आंदोलन करेंगे
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अजीत धावले ने रविवार को कहा कि भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए तत्काल राहत उपायों की मांग को लेकर 10 अक्टूबर को पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन का निर्णय शनिवार रात एआईकेएस, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) और अखिल भारतीय खेत मजदूर संघ के नेताओं की एक बैठक में लिया गया. धावले ने कहा कि 10 अक्टूबर को सभी तहसील और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन किया जाएगा.
क्या चाहते हैं किसान
किसान संगठनों का कहना है कि हमारी मुख्य मांगें किसानों को फसल क्षति के मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये प्रति एकड़ दिया जाए. जबकि, कृषि श्रमिकों को श्रम हानि के मुआवजे के रूप में 30,000 रुपये दिया जाएगा. किसानों और खेत मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी की जाए. किसानों को राहत देने के लिए सरकार प्रभावित इलाकों को सूखाग्रस्त घोषित करे. किसानों का बकाया बिजली बिल माफ करना चाहिए और मिट्टी के कटाव से क्षतिग्रस्त कृषि भूमि के लिए अतिरिक्त मुआवज़ा देना चाहिए.
अपने दौरे पर राहत की घोषणा करें पीएम
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मुंबई दौरे के दौरान महाराष्ट्र में हाल ही में आई बाढ़ से नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए सहायता की घोषणा करनी चाहिए. राउत ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के लिए राहत पैकेज घोषित करना चाहिए था. इस सप्ताह के शुरू में फडणवीस ने कहा था कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से 60 लाख हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है और सरकार ने प्रभावित लोगों को सूखे के दौरान आमतौर पर प्रदान किए जाने वाले सभी लाभ और उपाय प्रदान करने का निर्णय लिया है.