1000वें दिन में प्रवेश किया गन्ना किसानों का प्रदर्शन, इस वजह से नाराज हैं अन्नदाता.. क्या है आगे की तैयारी

किसानों की मांग थी कि उनके नाम पर लिए गए पुराने प्रबंधन के लोन को माफ किया जाए, ताकि वे नए सिरे से लोन ले सकें और खेती जारी रख सकें. इसके अलावा किसानों ने दायर किए गए मामले का जल्दी निपटारा करने की भी मांग उठाई है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 27 Aug, 2025 | 09:52 PM

तमिलनाडु के तंजावुर जिले में गन्ना किसानों का विरोध-प्रर्दशन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को तिरु अरूरन शुगर मिल, तिरुमंडंगुडी को गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों का विरोध प्रदर्शन 1000वें दिन में पहुंच गया. किसान मांग कर रहे हैं कि 2019 में मिल बंद होने से पहले, उनके नाम पर जो लोन पुराने प्रबंधन ने लिया था, उस पर कार्रवाई की जाए.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मिल के बंद होने के बाद से किसान लगातार मिल के सामने धरना दे रहे हैं. सोमवार को कुछ किसान कुंभकोणम कोर्ट परिसर के पास विरोध प्रदर्शन करना चाह रहे थे. लेकिन वहां प्रदर्शन की इजाजत न होने के कारण पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे बहस हो गई. इसके बाद पुलिस ने 12 किसानों को हिरासत में लेकर एक मैरिज हॉल में रखा. वहीं, एक अन्य समूह ने कोर्ट परिसर के पास स्थित भक्तपुरम ट्रैफिक आईलैंड पर प्रदर्शन किया.

किसानों ने CBI जांच की मांग की

किसानों की मांग थी कि उनके नाम पर लिए गए पुराने प्रबंधन के लोन को माफ किया जाए, ताकि वे नए सिरे से लोन ले सकें और खेती जारी रख सकें. साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने CBI जांच की मांग की है, ताकि उनके साथ हुए धोखाधड़ी की पूरी सच्चाई सामने आ सके. इसके अलावा किसानों ने दायर किए गए मामले का जल्दी निपटारा करने की भी मांग उठाई है.

किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की और कहा कि सरकार अब तक निजी शुगर मिल के पुराने प्रबंधन के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे प्रभावित किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा. इस प्रदर्शन का नेतृत्व गन्ना किसान संघ के अध्यक्ष टी. कासिनाथन ने किया.

2019 में पुराने प्रबंधन ने बंद कर दिया

दरअसल, तिरु अरूरन शुगर मिल, तिरुमंडंगुडी को 2019 में पुराने प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया गया था. उस समय तक गन्ना सप्लाई कर चुके किसानों को उनका बकाया भुगतान (सूड समेत) नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, मिल के पुराने प्रबंधन ने किसानों के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये के लोन लिए और बाद में उसे चुकाए बिना डिफॉल्ट कर दिया.

लोन लेने में हो रही है दिक्कत

2022 में जब नया प्रबंधन आया, तो किसानों का गन्ने का बकाया कुछ हद तक धीरे-धीरे चुका दिया गया , लेकिन बिना ब्याज के. हालांकि, पुराने लोन अब भी किसानों के नाम बकाया दिखाए जा रहे हैं, जिससे उनकी CIBIL स्कोर (क्रेडिट रेटिंग) खराब हो गई है और उन्हें नए लोन लेने में दिक्कत हो रही है.

 

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Published: 27 Aug, 2025 | 09:50 PM

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