किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला, विरोध में बीकेयू ने बुलाई पंचायत

पहलगाम आतंकी हमले पर किसान नेता चर्चा में रहेंगे, ये शायद ही किसी ने सोचा होगा. मामले पर बयानों की वजह से चर्चा में रहे राकेश टिकैत के साथ धक्का-मुक्की हुई. घटना के विरोध में बीकेयू ने पंचायत बुलाने का ऐलान किया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 3 May, 2025 | 08:54 AM

पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत लगातार चर्चा में हैं. शुक्रवार को उस समय मामले पर राजनीति गर्मा गई, जब राकेश टिकैत पर हमला हो गया. धक्कामुक्की में उनकी पगड़ी गिर गई. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले सभी हिंदू संगठनों ने जन आक्रोश रैली आयोजित की. रैली में हिस्सा लेने के लिए तीन बजे के बाद बाजार बंद थे. बड़ी संख्या में लोगों ने रैली में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे. उन्हें एक वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ा. वह मंच से जनता को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे.

जबरदस्त विरोध को देखते हुए जब राकेश टिकैत वहां से जाने लगे तो मंच से उतरने के बाद उनके साथ जमकर धक्कामुक्की की गई, जिसमें राकेश टिकैत की पगड़ी गिर गई थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके सिर पर चोट आई. हालात को देखते हुए राकेश टिकैत की सुरक्षा में लगे गार्ड और अन्य लोगों ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाला, जिसके बाद वह अपने घर के लिए वापस लौट गए.

आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में युवा हाथों में लाठीडंडे लेकर पहुंचे थे. मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यह सब कुछ पार्टियों का प्लान था. उन्होंने कहा कि अगर जनता इसके पीछे होती तो इस तरह का कोई विरोध नहीं करता. टिकैत ने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि किसान आंदोलन कमजोर कर दिया जाए, लेकिन किसान आंदोलन ना कमजोर होगा ना हम कमजोर होंगे.

भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार को बुलाई पंचायत

टिकैत पर हुए हमले के विरोध में किसान संगठन ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में पंचायत बुलाई है. टिकैत ने घटना के विरोध में ट्रैक्टर मार्च का भी ऐलान किया है. इस बीच समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने घटना की निंदा की. उन्होंने इसके लिए बीजेपी पर हमला बोला.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखाबीजेपी ने किसी एक किसान नेता की ही नहीं बल्कि हर एक किसान की पगड़ी उछाली है. परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी ने जीवन भर किसानों के मानसम्मान की जो लड़ाई लड़ी, ये हमला उनकी उन ऐतिहासिक कोशिशों पर भी हुआ है. इससे गाजीपुर बार्डर से गाजीपुर तक उप्र का हर किसान आंदोलित है. कोई और भले लाठी का वार और तिरस्कार भूल जाए, सच्चा किसान कभी नहीं भूलेगा. निंदनीय! किसान कहे आज का, नहीं चाहिए बीजेपी!

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Published: 3 May, 2025 | 12:20 AM

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