बारिश की कमी से फसलों में बढ़ा कीटों-रोगों का खतरा, बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. राकेश यादव ने मध्य प्रदेश के राजावाट, खरपई, लक्ष्मणी, मायला, भंवरी आदि गांवों का निरीक्षण किया, जिसके हबाद उन्होंने गांव के लोगों से फसलों पर जरूरी और सही कीटनाशकों के छिड़काव की अपील भी की.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 14 Aug, 2025 | 06:45 AM

बारिश के मौसम में फसलों में रोग लग जाना आम बात है. लेकिन अगर समय रहते इन रोगों को रोकने के लिए किसानों ने सही इंतजाम न किए तो फसल पूरी तरह से चौपट हो सकती है. ऐसे में किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है.  मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में कम बारिश होने के कारण फसलों में कीट और पीले मोजेक रोग का खतरा बढ़ गया है, इस स्थिति में जिले के कलेक्टर डॉ. बेडेकर ने किसानों के लिए इन कीटों और रोगों से बचाव करने की एडवाइजरी जारी की है. बता दें कि जिले में कम बारिश होने के कारण सोयाबीन, उड़द, मूंग और मक्का आदि फसलों में ज्यादा समस्या देखी जा रही है. जिससे इन फसलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं.

समय रहते करें रोकथाम के उपाय

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के किसानों के लिए जिला कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने एडवाइजरी जारी की है. जिसके अनुसार किसानों से अपील की गई है वे निर्देशों का पालन कर कीटों के रोकाथम के लिए सभी जरूरी उपाय करें. उन्होंने बताया कि पीला मोजेक रोग सफेद मक्खी के कारण फैलता है. इसके नियंत्रण के लिए जरूरी है कि किसान फसलों पर इमिडाक्लोप्राइड या थायोमेथोक्जाम कीटनाशक का प्रति स्प्रे पंप 8-10 ग्राम मिलाकर छिड़काव करें . किसानों को सलाह दी गई है  कि मूंग, उड़द और सोयाबीन की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप ज्यादा होता है.

मक्का की फसल को समय पर दें दवा

कम बारिश होने के कारण मक्का की फसल में तना छेदक कीट का आक्रमण बढ़ जाता है. इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल पर इमामेक्टिन बेंजोएट कीटनाशक का 10 ग्राम प्रति स्प्रे पंप की दर से छिड़काव करें. केवीके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कीटों के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए कलेक्‍टर डॉ बेडेकर ने कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ राकेश यादव को खेतों का निरीक्षण करने करने के निर्देश दिए हैं.

कीटनाशक के छिड़काव के लिए किसानों से अपील

कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ राकेश यादव ने मध्य प्रदेश के राजावाट, खरपई, लक्ष्मणी, मायला, भंवरी आदि गांवों का निरीक्षण किया, जिसके हबाद उन्होंने गांव के लोगों से फसलों पर जरूरी और सही कीटनाशकों के छिड़काव की अपील भी की. बता दें कि, फसलों में लगने वाले इन खतरनाक कीटों और रोगों का अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो ये फसल को जड़ से खराब कर देते हैं , जिसके बाद किसानों के सामने आर्थक संकट खड़ा हो जाता है.

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Published: 14 Aug, 2025 | 06:45 AM

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