किसानों के लिए राहत, प्रशासन ने दिया स्पेशल गिरदावरी का आदेश.. सैकड़ों एकड़ में फसल हो गई बर्बाद

हरियाणा के सिरसा जिले के एलनाबाद क्षेत्र में भारी बारिश से 2,200 एकड़ फसल नष्ट हो गई. विधायक बेनीवाल और JJP अध्यक्ष अजय चौटाला की अपील पर प्रशासन ने विशेष गिरदावरी का आदेश दिया है. अब किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद है.

नोएडा | Published: 3 Aug, 2025 | 12:20 PM

हरियाणा के सिरसा जिला स्थित एलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के फसल नुकसान का दंश झेलने वाले किसानों के लिए राहतभरी खबर है. सिरसा जिला प्रशासन ने विशेष गिरदावरी (सर्वे) कराने का आदेश दिया है. प्रशासन ने यह फैसला एलनाबाद के विधायक भरत सिंह बेनीवाल और जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला की अपील के बाद लिया है. अब किसानों को राहत की उम्मीद जगी है. क्योंकि हाल ही हुई बारिश के चलते विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल जलभराव से बर्बाद हो गई.

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरसा डिप्टी कमिश्नर कार्यालय का कहना है कि एलनाबाद और नथूसरी चोपटा के तहसीलदारों को प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. इन रिपोर्टों के आधार पर किसानों को मुआवजा देने का निर्णय होगा, जिनकी फसलें लगातार बारिश और जलभराव के कारण बर्बाद हो गईं. विधायक बेनीवाल ने 1 अगस्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि शक्कर मंडोरी, शाहपुरिया और रूपाना गंजा समेत कई गांवों में कपास, मूंग, ग्वार और क्लस्टर बीन्स की करीब 2,200 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. कई किसानों को अगली बुवाई के लिए खराब फसल उखाड़नी पड़ी है.

फसल नुकसान मुआवजा पोर्टल को तुरंत खोलने की मांग

विधायक भरत सिंह बेनीवाल ने फसल नुकसान मुआवजा पोर्टल को तुरंत खोलने की मांग की है और किसानों को राहत देने के लिए प्रति एकड़ 30,000 से 35,000 रुपये तक मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा है. उसी दिन, JJP अध्यक्ष अजय चौटाला ने शाहपुरिया और रूपाणा बिश्नोइयां जैसे बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने कपास की बर्बाद फसलों को लेकर चिंता जताई और विशेष गिरदावरी के साथ 60,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की, जिसे सीधे किसानों के खातों में भेजा जाए.

बारिश से आसपास के करीब 25 गांव प्रभावित

चौटाला ने हिसार-घग्गर ड्रेन में बढ़ते पानी के स्तर को लेकर भी चेतावनी दी और कहा कि अगर यह ड्रेन ओवरफ्लो हुई, तो आसपास के करीब 25 गांव प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने ड्रेन की सफाई में लापरवाही के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि समय पर सफाई होती, तो इतना नुकसान नहीं होता. वहीं, गिरदावरी के आदेश के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है. किसानों का कहना है कि मुआवजा राशि मिलने के बाद आर्थिक नुकसान से उबरने में काफी हद तक राहत मिलेगी. वहीं, कई किसान कपास की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर अब धान की रोपाई कर रहे हैं. इससे खेती की लागत काफी बढ़ गई है.