बजट कम हो तो घर पर उगाएं रोजमेरी, सेहत और आय दोनों में बढ़ोतरी

रोजमेरी न केवल एक सुगंधित पौधा है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है. यह पाचन शक्ति बढ़ाती है और भूख को सुधारने में मदद करती है. तनाव और थकान को कम करने के साथ यह बालों को मजबूत बनाती है और बाल झड़ने की समस्या को रोकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 23 Aug, 2025 | 04:18 PM

रोजमेरी एक सुगंधित और औषधीय पौधा है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि कम लागत में अच्छी कमाई का जरिया भी बन सकता है. यह पौधा यूरोप से आया है और अब भारत में किसानों और घरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसकी मांग मसालों, दवाइयों, सौंदर्य उत्पादों और परफ्यूम उद्योग में लगातार बढ़ रही है. इसलिए इसे उगाना छोटे किसानों और घर के उद्यमियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

घर पर रोजमेरी कैसे उगाएं

रोजमेरी को घर की बालकनी, टैरेस या बगीचे में आसानी से उगाया जा सकता है. इसे हल्की और रेतीली मिट्टी में लगाना सबसे उपयुक्त होता है. पौधे को सीधी धूप की आवश्यकता होती है, जिससे इसकी वृद्धि तेज और पत्तियां सुगंधित बनती हैं.

रोजमेरी को बीज से उगाया जा सकता है, लेकिन कटिंग से लगाए गए पौधे जल्दी बढ़ते हैं और मजबूत होते हैं. गमले में उगाते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि पानी जमा न हो.

मिट्टी में थोड़ी बालू और जैविक खाद मिलाकर पौधा लगाया जाता है. घर पर उगाई गई पत्तियों का इस्तेमाल ताजी चाय, सब्जियों और मसालों में किया जा सकता है.

स्वास्थ्य और औषधीय लाभ

रोजमेरी न केवल एक सुगंधित पौधा है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है. यह पाचन शक्ति बढ़ाती है और भूख को सुधारने में मदद करती है. तनाव और थकान को कम करने के साथ यह बालों को मजबूत बनाती है और बाल झड़ने की समस्या को रोकती है. इसके अलावा रोजमेरी के तेल का इस्तेमाल शैम्पू, साबुन, क्रीम और परफ्यूम में किया जाता है. इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे दवाइयों में भी उपयोगी बनाते हैं.

खेती की देखभाल और मौसम

रोजमेरी की खेती में नियमित देखभाल की जरूरत होती है. पौधे के पास खरपतवार न उगने दें और समय-समय पर जैविक खाद डालते रहें. अधिक पानी देने से जड़ सड़ सकती है, इसलिए सिंचाई संतुलित करें. यदि पौधे पर कीट लग जाएं तो नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करना फायदेमंद होता है.

सही देखभाल के साथ यह पौधा दो से तीन साल तक हरा-भरा रहता है और लगातार उपज देता है. रोजमेरी ठंडी और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगती है. अक्टूबर से फरवरी तक इसे लगाने का समय सबसे उत्तम माना जाता है. तेज बारिश या अत्यधिक ठंड से पौधे को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए जरूरत पड़ने पर पौधों को पॉलीहाउस या शेड नेट के नीचे रखा जाता है.

आर्थिक और घरेलू लाभ

रोजमेरी की खेती से न केवल किसानों को आय का स्रोत मिलता है बल्कि घर पर भी ताजी पत्तियों का लाभ उठाया जा सकता है. इसके तेल और पत्तियों की बिक्री से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. घर पर गमले में उगाई गई रोजमेरी से परिवार की जरूरतें पूरी होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी सुनिश्चित होती है. यही कारण है कि यह पौधा खेती और घरेलू उपयोग दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है.

रोजमेरी की खेती से न केवल घर की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है बल्कि स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आता है. इसकी सरल देखभाल, कम लागत और बढ़ती मांग इसे हर छोटे किसान और घर के उद्यमी के लिए आदर्श विकल्प बनाती है.

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