करेला अपनी खासियत और सेहतमंद गुणों की वजह से बहुत पसंद किया जाता है, लेकिन जब इसके फूल गिरने लगते हैं तो बागवानों का मन दुखी हो जाता है. अच्छे फल पाने के लिए करेला के फूलों का सही समय पर फल में बदलना बहुत जरूरी होता है. तो चलिए जानते हैं कि करेला के फूल क्यों गिरते हैं, इसके पीछे कौन-कौन सी वजहें हो सकती हैं, और आप कैसे अपने पौधों की देखभाल करके इस समस्या से बच सकते हैं.
फूल गिरने के कारण
सबसे आम वजह है सही तरीके से परागण न होना. करेला के फूलों को फल बनने के लिए मधुमक्खी, तितली या अन्य कीड़ों से परागण की जरूरत होती है. अगर आसपास इन परागण करने वाले कीड़ों की कमी हो या मौसम ऐसा हो कि कीड़े फूलों पर नहीं आते, तो फूल फल बनने से पहले ही गिर जाते हैं.
दूसरी वजह पौधे का तनाव (stress) है. करेला का पौधा गर्म मौसम में ज्यादा संवेदनशील हो जाता है. अगर पौधे को ठीक से पानी न मिले, मिट्टी में पोषक तत्व कम हों, या कीड़ों का हमला हो, तो पौधा तनाव में आ जाता है और इसके कारण फूल गिर सकते हैं.
फूल गिरने से बचाव के उपाय
सही पानी और पोषण दें: पौधे को नियमित रूप से पानी दें और जरूरी खाद-पोषण उपलब्ध कराएं.
धूप का ध्यान रखें: करेला को अच्छी धूप पसंद है, इसलिए उसे ऐसी जगह लगाएं जहां दिन भर कम से कम 6-7 घंटे धूप मिले.
परागण में मदद करें: बगीचे में मधुमक्खी, तितली जैसे कीड़ों को आकर्षित करने के लिए रंग-बिरंगे फूल लगाएं.
हाथ से परागण करें: अगर फूल गिरना जारी रहता है, तो आप नर फूल से मादा फूल तक हल्के हाथ से पराग (pollen) चुटकी या छोटे ब्रश से लगा सकते हैं. इसे हाथ से परागण कहते हैं और इससे फल बनने में मदद मिलती है.