वायु प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने काफी सख्ती बरत रखी है, खासकर फसलों की पराली या अवशेष जलाने के मामले में. अब मध्य प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए नकद जुर्माना राशि को लेकर भी निर्देश जारी हुए हैं. किसानों को धान की पराली जलाने से मना किया गया है. वहीं, पराली प्रबंधन के लिए मशीनों पर भारी सब्सिडी किसानों को दी जा रही है. राज्य सरकार ने किसानों को पराली जलाने की बजाय उसका दूसरे रूप में इस्तेमाल करने की अपील की है. वहीं, आज पराली मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार पर सख्त टिप्पणी की है.
देश के ज्यादातर हिस्सों में धान की कटाई शुरू हो चुकी है, जबकि पंजाब में तो धान की खरीद भी शुरू हो गई है. ऐसे में अब फिर से पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए सरकारों की ओर से सख्ती बढ़ाई जा रही है. पराली जलाने से अकसर अक्तूबर-नवंबर के दौरान वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी के आरोप लगते हैं. बीते सालों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से दिल्ली को गैस चेंबर बनते देखा गया है. किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने रोक लगा रखी है. जिलाधिकारियों और जिला कृषि अधिकारियों को नियमों का सख्ती से पालन कराने को कहा गया है. मध्य प्रदेश के जिलों में कलेक्टर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
पराली जलाना प्रतिबंधित, उल्लंघन पर 15 हजार जुर्मान लगेगा
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में खरीफ 2025 में मक्का और धान की फसल कटाई के बाद नरवाई जलाना जिले में प्रतिबंधित किया गया है. कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई किसान या अन्य व्यक्ति खेत में नरवाई यानी पराली जलाते पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की ओर से 2500 रुपये से 15000 रुपये तक का अर्थदण्ड लगाया जाएगा. इस संबंध में नरवाई जलाने की घटनाओं को रोकने और प्रभावी कार्ययोजना बनाने के लिए कार्यालय उप संचालक कृषि में बैठक आयोजित की गई.
यंत्रों के इस्तेमाल से खेत की ताकत खराब होने से बचेगी
जिला कलेक्टर ने नरवाई यानी पराली प्रबंधन यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं. जिले के किसानों से अपील की गई है कि नरवाई जलाने के स्थान पर सुपरसीडर, हैप्पीसीडर, स्मार्टसीडर एवं रोटावेटर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करें. इससे खेत में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ेगी, भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ेगी और अगली फसलों की उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
पराली मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का पंजाब सरकार पर सख्त टिप्पणी
सर्दियों में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार से पूछा कि वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदान देने वाले पराली को जलाने के आरोप में कुछ किसानों को गिरफ्तार क्यों न किया जाए ताकि एक कड़ा संदेश जाए. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “आप निर्णय लें, अन्यथा हम एक कड़ा आदेश जारी करेंगे.” बता दें कि पीठ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को भरने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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