बाढ़ का असर: पड़ोसी राज्यों से सप्लाई बाधित, दिल्ली में सब्जियों के दाम बढ़े

बाढ़ और बारिश के कारण फसल नुकसान ने किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. वहीं, शहरों में सब्जियों के बढ़ते दाम आम लोगों की जेब पर दबाव डाल रहे हैं. मुख्य शहरों में कीमतों में वृद्धि से खाद्य महंगाई बढ़ने का खतरा है.

नई दिल्ली | Published: 10 Sep, 2025 | 09:22 AM

देश की राजधानी दिल्ली में हाल ही में ताजा सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं. स्वतंत्रपुर (आजादपुर) मंडी के आंकड़ों के अनुसार प्रमुख सब्जियों के दाम 11 फीसदी से 34 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. खासतौर पर टमाटर, आलू, प्याज, फूलगोभी और भिंडी जैसी सब्जियों में महंगाई अधिक देखी गई है. उदाहरण के लिए, टमाटर के दाम पिछले सप्ताह 40-50 रुपये प्रति किलो थे, जो अब 65-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. आलू 25-30 रुपये से बढ़कर 35-40 रुपये प्रति किलो हो गया है, जबकि प्याज 3040 रुपये से बढ़कर 6070 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

बाढ़ से प्रभावित राज्यों की आपूर्ति बाधित

दिल्ली अपनी फल और सब्जियों की आपूर्ति के लिए आसपास के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश पर निर्भर करती है. अगस्त में इन राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलें खराब हो गईं. पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां धान, कपास, फूलगोभी और अन्य खरीफ फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं. नदियों के उफान और बाढ़ की वजह से ट्रकों और गाड़ियों के माध्यम से दिल्ली तक सब्जियों की आपूर्ति में भी देरी हुई.

मौसम और मानसून की भूमिका

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल का मानसून देशभर में औसत से 9 फीसदी अधिक रहा. जून 2 से 8 सितंबर तक लगातार बारिश होने के कारण कई राज्यों में फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं. पंजाब में यह दशकों में सबसे खराब बाढ़ रही, जिससे धान और फूलगोभी की फसल पर गंभीर असर पड़ा. इसी तरह, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी मक्का और सोयाबीन की फसलें बर्बाद हुईं.

किसानों और आम जनता पर असर

बाढ़ और बारिश के कारण फसल नुकसान ने किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. वहीं, शहरों में सब्जियों के बढ़ते दाम आम लोगों की जेब पर दबाव डाल रहे हैं. मुख्य शहरों में कीमतों में वृद्धि से खाद्य महंगाई बढ़ने का खतरा है. विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के परिवारों के लिए यह स्थिति और कठिन हो गई है, क्योंकि दैनिक उपयोग की सब्जियों पर खर्च बढ़ गया है.

किसान और सावधानी

विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में बारिश पर नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि खरीफ फसलों जैसे धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और प्याज का महत्वपूर्ण विकास चरण चल रहा है. अगर इसी दौरान भारी बारिश होती है, तो फसलों को और नुकसान पहुंच सकता है और कीमतें और बढ़ सकती हैं. इस समय किसानों को भी सावधानी बरतते हुए फसल संरक्षण उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है.