आज 1 जून को दुनियाभर में विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. भारत पूरी दुनिया का अकेले 25 फीसदी दूध उत्पादन करता है. इसी वजह से वह दुनिया का सबसे बड़ा दूध पैदा करने वाला देश है. बीते 26 साल से वह नंबर वन बना हुआ है. वर्तमान सरकार की नीतियों को देखते अगले 50 साल भी भारत इस क्षेत्र में आगे रहने वाला है. बीते कुछ वर्षों के दौरान डेयरी सेक्टर में आए तेजी से बदलाव ने रोजगार के साधन पैदा किए हैं. जबकि. दूध किसानों और पशुपालकों की आजीविका को बेहतर किया है और कमाई बढ़ाई है.
हर भारतीय के लिए हर दिन 471 ग्राम दूध
देश के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत 1998 से नंबर वन दूध उत्पादक रहा है. यह अब दुनिया के 25 प्रतिशत दूध का उत्पादन करता है. जबकि वैश्विक दूध उत्पादन हर साल 2 फीसदी बढ़ता है, भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता पिछले दस वर्षों में 48 फीसदी बढ़ी है. 2023-24 में औसत भारतीय को प्रतिदिन 471 ग्राम से अधिक दूध मिलता है, जो विश्व औसत 322 ग्राम से बहुत अधिक है.
रोमांचक है डेयरी विकास की कहानी
भारत के दूध उत्पादन में पिछले एक दशक में तेज बढ़त देखी गई है. 2014-15 और 2023-24 के बीच दूध उत्पादन 146.3 मिलियन टन से 63.56 फीसदी बढ़कर 239.2 मिलियन टन हो गया है. इसका मतलब है कि देश ने पिछले 10 वर्षों में 5.7 फीसदी की तेज सालाना बढ़त हासिल की है. यह स्थिर बढ़त न केवल भारत की बड़ी आबादी की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि डेयरी क्षेत्र कितना कुशल और उत्पादक बन गया है.
सबसे ज्यादा दूध उत्पादन वाले राज्य
2023-24 में उत्तर प्रदेश शीर्ष दूध उत्पादक राज्य रहा है. यूपी ने भारत के कुल दूध उत्पादन में 16.21 फीसदी का योगदान दिया है. तो वहीं पश्चिम बंगाल ने दूध उत्पादन में सबसे तेज बढ़त दिखाई. इसने 2022-23 की तुलना में 9.76 फीसदी की ग्रोथ हासिल की है. मध्य प्रदेश 9 फीसदी दूध उत्पादन करता है और 20 फीसदी का टारगेट पाने के लिए कई योजनाओं को लागू कर रहा है.
देश में पशुधन और दूध समितियां
भारत के डेयरी क्षेत्र की गतिशील प्रकृति को रेखांकित करती है, जो 303.76 मिलियन गोजातीय पशुओं और 74.26 मिलियन बकरियों की विशाल पशुधन आबादी का समर्थन करता है. भारत 536.76 मिलियन की कुल पशुधन आबादी के साथ दुनिया के सबसे बड़े पशुधन मालिक का खिताब गर्व से रखता है. सहकारी क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. इस क्षेत्र में 22 दुग्ध संघ, शीर्ष निकाय, 240 जिला सहकारी दुग्ध संघ, 28 मार्केटिंग डेयरी और 24 दुग्ध उत्पादक संगठन हैं. ये संगठन लगभग 230,000 गांवों से जुड़ते हैं और 18 मिलियन डेयरी किसान सदस्य हैं.
डेयरी सेक्टर में महिलाएं और रोजगार
भारत के डेयरी उद्योग का एक उल्लेखनीय पहलू महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी है, जिसमें 35 प्रतिशत महिलाएं डेयरी सहकारी समितियों में भाग लेती हैं. देश भर में गांव स्तर पर 48,000 महिला डेयरी सहकारी समितियां संचालित हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं और महिलाओं को सशक्त बनाती हैं. वर्तमान में डेयरी सबसे बड़ी कृषि वस्तु है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी का योगदान देती है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार देती है. पिछले एक दशक में भारत का दूध उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जिसकी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 6 फीसदी है.