
DBW से शुरू होने वाली किस्में — ये गेहूं की वैरायटी करनाल स्थित ICAR–Indian Institute of Wheat and Barley Research द्वारा विकसित की जाती हैं, जो उच्च उपज और रोग-प्रतिरोध के लिए जानी जाती हैं.

PBW का मतलब ‘Punjab Wheat’ — पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित इन किस्मों में PBW 343 और PBW 872 जैसी सफल वैरायटी शामिल हैं, जो पंजाब की जलवायु के अनुरूप हैं.

HD यानी ‘Hindustan Developed’ — ये किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली में विकसित होती हैं, जिनमें HD 2967 और HD 3086 जैसी हाई-यील्डिंग वैरायटी लोकप्रिय हैं.

WH का अर्थ ‘Wheat of Haryana’ — चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित WH श्रृंखला की किस्में कम पानी और विविध परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं.

HI यानी ‘Himalayan Institute’ की किस्में — मध्य भारत की मिट्टी के लिए उपयुक्त HI 1500 और HI 8713 जैसी किस्में पास्ता और सूजी बनाने के लिए बेहतरीन कठिया गेहूं प्रदान करती हैं.

संक्षिप्त नामों का उद्देश्य — इन कोडों से गेहूं की किस्मों की पहचान और बीज प्रमाणीकरण आसान होता है, जिससे किसान अपनी मिट्टी और मौसम के अनुसार सही किस्म चुन पाते हैं.