ठंड में भी आपका गार्डन रहेगा हरा-भरा और फूलों से भर जाएगा आंगन, जानिए बागवानी टिप्स

सर्दियों में तापमान गिरने के साथ ठंडी हवाएं चलती है जिससे पाला बढ़ जाता है. इससे गार्डन के फूलदार पौधे ठंड और पाले से प्रभावित होकर फूल देना बंद कर देते हैं. आइए जानते है क्या है ये उपाय जिन्हे अपनाकर सर्दियों में भी आप अपने गार्डन को हरा-भरा और फूलों से लदा हुआ रख सकते है.

किसान इंडिया डेस्क
नोएडा | Published: 24 Dec, 2025 | 02:08 PM
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Winter Gardening tips: सर्दियों में तापमान गिरने के साथ ठंडी हवाएं चलती है जिससे पाला बढ़ जाता है. इससे गार्डन के फूलदार पौधे ठंड और पाले से प्रभावित होकर फूल देना बंद कर देते हैं. लेकिन सही देखभाल से आप अपने पौधों को ठंड से बचाकर सर्दियों में भी हरा-भरा रख सकते हैं. आइए जानते है क्या है ये उपाय जिन्हे अपनाकर सर्दियों में भी आप अपने गार्डन को हरा-भरा और फूलों से लदा हुआ रख सकते है.

ठंड में पौधों की ग्रोथ और फूलों की कमी

ठंड के मौसम में अधिकांश पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है और पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है. कम तापमान के चलते कई पौधों में कलियां बनना रुक जाती हैं. अगर आपके गार्डन में भी फूलदार पौधे लगे हैं और उन पर फूल नहीं आ रहे, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.

सर्दियों में धूप जरूरी

सर्दियों में धूप की कमी पौधों के लिए बड़ी समस्या बन जाती है. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पौधे गमलों में लगे हैं तो उन्हें रोजाना चार से पांच घंटे धूप में जरूर रखें. खासकर सुबह की धूप पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होती है, क्योंकि यह उन्हें जरूरी ऊर्जा देती है और कली बनने की प्रक्रिया को तेज करती है.

पौधों को ठंड से बचाएं

तेज सर्द हवाएं और पाला पौधों की नई कलियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए ठंड के मौसम में पौधों को सर्द हवाओं और पाले से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है. ऐसे में रात के समय पौधों को दीवार या किसी शेड के पास रखा जा सकता है. जरूरत पड़ने पर पौधों को प्लास्टिक शीट से ढककर भी सुरक्षित रखा जा सकता है.

पानी और मिट्टी की देखभाल

पानी देने को लेकर भी सर्दियों में खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ठंड के मौसम में पौधों को जरूरत से ज्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है. अधिक पानी से जड़ें सड़ने लगती हैं. इसलिए तभी पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखाई दे. साथ ही समय-समय पर नीम ऑयल का छिड़काव करने से फंगस का खतरा भी कम होता है.

पाले से बचाने के उपाय

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सपर्ट्स बताते है कि, पाला पड़ने पर पौधों के सूखने का मुख्य कारण पौधों की कोशिकाओं के अंदर मौजूद पानी का जम जाना है. जब यह पानी जमकर फैलता है तो कोशिकाएं और उनकी झिल्ली फट जाती हैं और पौधों में पानी की कमी हो जाती है. ऐसे में हल्का पानी देने से कोशिकाएं मजबूत होती हैं और पौधे पाले का सामना कर पाते हैं.

रात में पौधों को ढकना न भूलें

रात के समय पाला पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे में पौधों को हल्के कपड़े, पुआल या प्लास्टिक की चादर से ढक देना चाहिए. ध्यान रखें कि कवर जमीन से पूरी तरह सटा हो, ताकि अंदर की गर्मी बाहर न निकल सके.

मल्चिंग से जड़ों को दें गर्माहट

पौधों की जड़ों को ठंडी हवा से बचाने के लिए मल्चिंग भी बेहद कारगर उपाय है. इसके लिए पौधों के चारों ओर पुआल, सूखी पत्तियां या लकड़ी का बुरादा बिछाया जा सकता है. पुआल, सूखी पत्तियां या लकड़ी का बुरादा मिट्टी को गर्म रखने में मदद करता है और जड़ों को ठंड से सुरक्षित रखता है.

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