मोगरे के फूलों के लिए रोज़ाना कम से कम 5-6 घंटे की सीधी धूप जरूरी है. बरसात के मौसम में अक्सर धूप कम हो जाती है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और फूल आना बंद हो जाता है.
मोगरे के पौधे में ना तो अधिक पानी देना चाहिए और ना ही कम. पानी ज्यादा देने पर जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधे में फंगल संक्रमण भी हो सकता है. हल्की नमी बनी रहना ही इसके लिए आदर्श है.
पौधे की मिट्टी में गोबर खाद, वर्मीकॉम्पोस्ट, कोकोपीट और भुरभुरी मिट्टी मिलाएं. यह पोषक तत्वों को बढ़ाता है और पौधे की जड़ों को मजबूत बनाता है, जिससे फूल आना शुरू हो जाते हैं.
अगर पौधा लंबे समय से फूल नहीं दे रहा है, तो उसकी हल्की कटाई करें. पुरानी शाखाओं को हटाने से नई कोपलें निकलती हैं और लगभग 15 दिनों में पौधे पर फिर से फूल आने लगते हैं.
मिट्टी बहुत सूखी हो या अधिक गीली, दोनों ही स्थितियों में मोगरा फूल नहीं देता. यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन पानी जमा न हो.
बरसात के बाद पत्तियों पर जमा पानी हटा दें ताकि फंगल इंफेक्शन न हो. साथ ही, गमले को ऐसी जगह रखें जहां बारिश का पानी सीधे न गिरे, लेकिन सूरज की रोशनी मिलती रहे.