गाजर ठंडे मौसम की फसल है, इसलिए इसे लगाने का सही समय जून से सितंबर या अक्टूबर से जनवरी होता है. हल्की ठंड और ठंडी हवाओं में यह तेजी से बढ़ती है और बीज अच्छे से अंकुरित होते हैं.
गाजर के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी को अच्छी तरह से जोतकर भुरभुरी और गहरी बनाएं, ताकि गाजर की जड़ें लंबाई में अच्छे से विकसित हो सकें.
गाजर के बीजों को सीधे खेत या गमले की मिट्टी में लगाना चाहिए. बीज को लगभग उंगली जितनी गहराई में बोएं और हर बीज के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि पौधे को फैलने की जगह मिल सके.
गाजर के पौधों को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. मिट्टी को नमी युक्त रखें, लेकिन पानी जमा न होने दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. गर्मियों में हर 2–3 दिन में हल्का पानी देना सही रहेगा.
गाजर की फसल पर अक्सर कीटों और फफूंदी का हमला होता है. इससे बचाव के लिए नीम के तेल का प्राकृतिक छिड़काव करें. यह कीटनाशक न केवल असरदार है, बल्कि मिट्टी और पौधे के लिए भी सुरक्षित है.
गाजर के पौधे के आसपास उगने वाली घास-फूस को नियमित रूप से हटाते रहें. इससे मिट्टी ढीली बनी रहती है और पौधों को पोषण आसानी से मिलता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं.