ना बड़ा खेत चाहिए, ना मेहनत! बस ऐसे लगाएं गाजर और घर पर लें इस ताजा सुपरफूड का मजा

How To Grow Carrot: गाजर सिर्फ स्वाद में ही नहीं, सेहत में भी सुपरफूड है. इसमें भरपूर विटामिन A, बीटा-कैरोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपकी आंखों की रोशनी तेज करते हैं, स्किन को निखारते हैं और पाचन को मजबूत बनाते हैं. अच्छी बात ये है कि गाजर उगाना किसी प्रोफेशनल फार्मर का काम नहीं है. आप भी अपने घर के गमले या बगीचे में बड़ी आसानी से इसे उगा सकते हैं. तो अगर आप भी घर की मिट्टी में सेहत उगाना चाहते हैं, तो इन आसान टिप्स को जरूर फॉलो करें.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 20 Jul, 2025 | 03:25 PM
1 / 6गाजर ठंडे मौसम की फसल है, इसलिए इसे लगाने का सही समय जून से सितंबर या अक्टूबर से जनवरी होता है. हल्की ठंड और ठंडी हवाओं में यह तेजी से बढ़ती है और बीज अच्छे से अंकुरित होते हैं.

गाजर ठंडे मौसम की फसल है, इसलिए इसे लगाने का सही समय जून से सितंबर या अक्टूबर से जनवरी होता है. हल्की ठंड और ठंडी हवाओं में यह तेजी से बढ़ती है और बीज अच्छे से अंकुरित होते हैं.

2 / 6गाजर के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी को अच्छी तरह से जोतकर भुरभुरी और गहरी बनाएं, ताकि गाजर की जड़ें लंबाई में अच्छे से विकसित हो सकें.

गाजर के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी को अच्छी तरह से जोतकर भुरभुरी और गहरी बनाएं, ताकि गाजर की जड़ें लंबाई में अच्छे से विकसित हो सकें.

3 / 6गाजर के बीजों को सीधे खेत या गमले की मिट्टी में लगाना चाहिए. बीज को लगभग उंगली जितनी गहराई में बोएं और हर बीज के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि पौधे को फैलने की जगह मिल सके.

गाजर के बीजों को सीधे खेत या गमले की मिट्टी में लगाना चाहिए. बीज को लगभग उंगली जितनी गहराई में बोएं और हर बीज के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि पौधे को फैलने की जगह मिल सके.

4 / 6गाजर के पौधों को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. मिट्टी को नमी युक्त रखें, लेकिन पानी जमा न होने दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. गर्मियों में हर 2–3 दिन में हल्का पानी देना सही रहेगा.

गाजर के पौधों को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. मिट्टी को नमी युक्त रखें, लेकिन पानी जमा न होने दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. गर्मियों में हर 2–3 दिन में हल्का पानी देना सही रहेगा.

5 / 6गाजर की फसल पर अक्सर कीटों और फफूंदी का हमला होता है. इससे बचाव के लिए नीम के तेल का प्राकृतिक छिड़काव करें. यह कीटनाशक न केवल असरदार है, बल्कि मिट्टी और पौधे के लिए भी सुरक्षित है.

गाजर की फसल पर अक्सर कीटों और फफूंदी का हमला होता है. इससे बचाव के लिए नीम के तेल का प्राकृतिक छिड़काव करें. यह कीटनाशक न केवल असरदार है, बल्कि मिट्टी और पौधे के लिए भी सुरक्षित है.

6 / 6गाजर के पौधे के आसपास उगने वाली घास-फूस को नियमित रूप से हटाते रहें. इससे मिट्टी ढीली बनी रहती है और पौधों को पोषण आसानी से मिलता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं.

गाजर के पौधे के आसपास उगने वाली घास-फूस को नियमित रूप से हटाते रहें. इससे मिट्टी ढीली बनी रहती है और पौधों को पोषण आसानी से मिलता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं.

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Published: 20 Jul, 2025 | 03:25 PM

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