बरसात के बाद कहीं सड़ न जाएं आपके गमले की सब्जियां! अपनाएं ये 6 उपाय, पौधे रहेंगे हरे-भरे, पैदावार भी बढ़ेगी

Gardening Tips: बरसात के बाद आपके गमलों में लगे सब्जियों के पौधे कमजोर और बीमार हो सकते हैं. अगर आप नहीं जानते कि बारिश के बाद पौधों की सही देखभाल कैसे करें, तो आपकी मेहनत बेकार हो सकती है. ऐसे में इस खबर में हम आपको कुछ आसान और और असरदार तरीके बताएंगे, जिससे आपके पौधे बरसात के बाद भी हरे-भरे, मजबूत और फुलों-फलों से लदे रहेंगे. इसे अपनाकर आप पौधों की जड़ों को सड़न से बचा सकते हैं और कीट व फफूंदी से भी सुरक्षित रख सकते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 21 Sep, 2025 | 01:20 PM
1 / 6बरसात के बाद गमलों की मिट्टी बहुत गीली और चिपचिपी हो जाती है, जिससे जड़ों में सड़न का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गमले को कुछ समय के लिए सीधी धूप में रखें ताकि अतिरिक्त नमी सूख जाए. साथ ही, सुनिश्चित करें कि गमले में पर्याप्त ड्रेनेज हो.

बरसात के बाद गमलों की मिट्टी बहुत गीली और चिपचिपी हो जाती है, जिससे जड़ों में सड़न का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गमले को कुछ समय के लिए सीधी धूप में रखें ताकि अतिरिक्त नमी सूख जाए. साथ ही, सुनिश्चित करें कि गमले में पर्याप्त ड्रेनेज हो.

2 / 6बारिश में मिट्टी से जरूरी पोषक तत्व बह जाते हैं, जिससे पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता. बरसात के बाद महीने में एक बार गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या कम्पोस्ट चाय का इस्तेमाल करें. इससे पौधों की जड़ें मजबूत होंगी और उनकी वृद्धि तेजी से होगी.

बारिश में मिट्टी से जरूरी पोषक तत्व बह जाते हैं, जिससे पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता. बरसात के बाद महीने में एक बार गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या कम्पोस्ट चाय का इस्तेमाल करें. इससे पौधों की जड़ें मजबूत होंगी और उनकी वृद्धि तेजी से होगी.

3 / 6बरसात में खरपतवार बहुत तेजी से बढ़ते हैं और पौधों के साथ पोषक तत्व और पानी के लिए मुकाबला करते हैं. इन्हें नियमित रूप से हटाने से पौधों को पर्याप्त पोषण, हवा और जगह मिलती है. इससे जड़ें मजबूत होती हैं और पौधे स्वस्थ और हरे-भरे रहते हैं.

बरसात में खरपतवार बहुत तेजी से बढ़ते हैं और पौधों के साथ पोषक तत्व और पानी के लिए मुकाबला करते हैं. इन्हें नियमित रूप से हटाने से पौधों को पर्याप्त पोषण, हवा और जगह मिलती है. इससे जड़ें मजबूत होती हैं और पौधे स्वस्थ और हरे-भरे रहते हैं.

4 / 6बरसात के मौसम में पौधों की शाखाएं अनियंत्रित बढ़ जाती हैं या कुछ शाखाएं सूख जाती हैं. इस स्थिति में पौधों की नियमित छंटाई जरूरी है. खराब या पीली पत्तियों और शाखाओं को हटाने से पौधों की ऊर्जा नई और स्वस्थ शाखाओं को बढ़ाने में लगती है और हवा का संचार भी बेहतर होता है.

बरसात के मौसम में पौधों की शाखाएं अनियंत्रित बढ़ जाती हैं या कुछ शाखाएं सूख जाती हैं. इस स्थिति में पौधों की नियमित छंटाई जरूरी है. खराब या पीली पत्तियों और शाखाओं को हटाने से पौधों की ऊर्जा नई और स्वस्थ शाखाओं को बढ़ाने में लगती है और हवा का संचार भी बेहतर होता है.

5 / 6गीले और नम वातावरण में कीट और फफूंदी बहुत जल्दी फैलते हैं. पौधों पर लगातार निगरानी रखें और किसी भी कीट या रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत नीम के तेल का स्प्रे करें. नीम का तेल प्राकृतिक कीटनाशक है और पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों को दूर रखता है.

गीले और नम वातावरण में कीट और फफूंदी बहुत जल्दी फैलते हैं. पौधों पर लगातार निगरानी रखें और किसी भी कीट या रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत नीम के तेल का स्प्रे करें. नीम का तेल प्राकृतिक कीटनाशक है और पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों को दूर रखता है.

6 / 6बरसात के बाद पानी देने का तरीका बदलना जरूरी है. केवल तब पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए. सुबह के समय पानी देना सबसे उपयुक्त है, क्योंकि दिन की गर्मी से अतिरिक्त पानी भाप बनकर उड़ जाता है और रात में नमी के कारण फफूंदी का खतरा कम रहता है.

बरसात के बाद पानी देने का तरीका बदलना जरूरी है. केवल तब पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए. सुबह के समय पानी देना सबसे उपयुक्त है, क्योंकि दिन की गर्मी से अतिरिक्त पानी भाप बनकर उड़ जाता है और रात में नमी के कारण फफूंदी का खतरा कम रहता है.

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Published: 21 Sep, 2025 | 01:20 PM

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