ऐसे करें हजारों रुपये में बिकने वाली इलायची की खेती

इलायची न सिर्फ खुशबू के लिए प्रयोग की जाती है लेकिन इसमें कई ऐसी खूबियां हैं जो सेहत को फायदा पहुंचाती हैं. भारत में इलायची का प्रयोग पान और चाय से लेकर मिठाई तक में किया जाता है. बाजार में इसकी मांग को देखते हुए इसकी खेती भी किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद होती है. बाजार में एक किलोग्राम इलायची 3000 रुपये तक में बिकती है.

Kisan India
Updated On: 21 Feb, 2025 | 09:07 AM
1 / 6इलायची की खेती के लिए ठंडी जलवायु बेहद जरूरी होती है क्‍योंकि इसका पौधा बहुत ज्‍यादा गर्मी झेल नहीं पाता है. भारत में इलायची की खेती केरल, कर्नाटक ओर तमिलनाडु में की जाती है. इसकी खेती के लिए 10 से 35 डिग्री का तापमान अच्छा माना जाता है.

इलायची की खेती के लिए ठंडी जलवायु बेहद जरूरी होती है क्‍योंकि इसका पौधा बहुत ज्‍यादा गर्मी झेल नहीं पाता है. भारत में इलायची की खेती केरल, कर्नाटक ओर तमिलनाडु में की जाती है. इसकी खेती के लिए 10 से 35 डिग्री का तापमान अच्छा माना जाता है.

2 / 6इसकी खेती आपको ऐसी जमीन पर करनी चाहिए जहां पर काली दोमट मिट्‌टी हो क्‍योंकि उस मिट्टी को इसके लिए सबसे अच्छा माना गया है. दोमट और लैटेराइड मिट्‌टी में भी इसकी खेती की जा सकती है. साथ ही अच्‍छी जल निकास वाली काली मिट्‌टी भी इसके लिए सही मानी गई है.

इसकी खेती आपको ऐसी जमीन पर करनी चाहिए जहां पर काली दोमट मिट्‌टी हो क्‍योंकि उस मिट्टी को इसके लिए सबसे अच्छा माना गया है. दोमट और लैटेराइड मिट्‌टी में भी इसकी खेती की जा सकती है. साथ ही अच्‍छी जल निकास वाली काली मिट्‌टी भी इसके लिए सही मानी गई है.

3 / 6खेती का सही समय मार्च से जून तक का माना गया है. इलायची के पौधे को हमेशा छाया में ही लगाना चाहिए. ज्‍यादा धूप इसकी फसल के लिए नुकसानदेह होती है. बारिश से पहले इलायची की खेती के लिए नर्सरी तैयार की जाती है. इसकी नर्सरी तैयार करने के लिए एक किलोग्राम बीज काफी होते हैं.

खेती का सही समय मार्च से जून तक का माना गया है. इलायची के पौधे को हमेशा छाया में ही लगाना चाहिए. ज्‍यादा धूप इसकी फसल के लिए नुकसानदेह होती है. बारिश से पहले इलायची की खेती के लिए नर्सरी तैयार की जाती है. इसकी नर्सरी तैयार करने के लिए एक किलोग्राम बीज काफी होते हैं.

4 / 6नर्सरी में जब इसके पौधे एक फीट तक बड़े हो जाए तब इसे खेत में लगाना चाहिए. इसके पौधे की खेत में रोपाई का सबसे उपयुक्त समय बरसात का होता है.  करीब दो साल बाद इसका पौधा फल देना शुरू कर देता है. फल लगने के बाद 15 से 25 दिन के अंतराल में इसकी तुड़ाई होती है.

नर्सरी में जब इसके पौधे एक फीट तक बड़े हो जाए तब इसे खेत में लगाना चाहिए. इसके पौधे की खेत में रोपाई का सबसे उपयुक्त समय बरसात का होता है. करीब दो साल बाद इसका पौधा फल देना शुरू कर देता है. फल लगने के बाद 15 से 25 दिन के अंतराल में इसकी तुड़ाई होती है.

5 / 6इलायची का हरा रंग बरकरार रहे और खूशबू भी आती रहे तो इसके लिए कटाई के बाद इसे दो प्रतिशत वाशिंग सोडा के घोल में 10 मिनट तक भिगोया जाता है. इसके बाद इसे ड्रायर या फिर धूप में सुखाया जाता है. 14 से 18 घंटे तक सुखने के लिए इसे छोड़ दें.

इलायची का हरा रंग बरकरार रहे और खूशबू भी आती रहे तो इसके लिए कटाई के बाद इसे दो प्रतिशत वाशिंग सोडा के घोल में 10 मिनट तक भिगोया जाता है. इसके बाद इसे ड्रायर या फिर धूप में सुखाया जाता है. 14 से 18 घंटे तक सुखने के लिए इसे छोड़ दें.

6 / 6एक हेक्टेयर में इसकी खेती पर 135 से लेकर 150 किलोग्राम तक फसल हासिल की जा सकती है. अगर इसे 1100 से लेकर 2000 रुपए किलो के भाव से बाजार में बेचा जाए तो तीन लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.

एक हेक्टेयर में इसकी खेती पर 135 से लेकर 150 किलोग्राम तक फसल हासिल की जा सकती है. अगर इसे 1100 से लेकर 2000 रुपए किलो के भाव से बाजार में बेचा जाए तो तीन लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 20 Feb, 2025 | 06:40 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?