सिरोही नस्ल की बकरियां और बकरा हर मौसम सहन कर लेते हैं और जल्दी प्रजनन करते हैं. हर 6 महीने में 1-2 बच्चे पैदा करने की क्षमता इसे किसानों के लिए फायदेमंद बनाती है.
सिरोही बकरियों का दूध और मांस बाजार में हमेशा डिमांड में रहता है. इसे आसानी से बेचकर नियमित आय अर्जित की जा सकती है, जिससे छोटे और बड़े दोनों किसान लाभ उठा सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस व्यवसाय को केवल 4–5 लाख रुपए निवेश से शुरू किया जा सकता है. 20 बकरा-बकरियों और लगभग 2000 स्क्वायर फीट जमीन से भी कारोबार का बेस तैयार हो जाता है.
सिरोही बकरियों को पालकर हर साल डेढ़ से दो लाख रुपए की कमाई संभव है. बच्चे पैदा होने पर उन्हें बेचकर अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है.
सिरोही बकरियां कम समय में अपने शरीर का वजन दोगुना कर लेती हैं. इससे मांस उत्पादन और दूध देने की क्षमता दोनों में वृद्धि होती है, जिससे व्यवसाय अधिक लाभकारी बनता है.
बकरी का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है. इसे पीने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है. यही कारण है कि सिरोही बकरी का दूध हमेशा बाजार में मांग में रहता है.