असली लहसुन की बाहरी त्वचा बहुत ही पतली और कागज़ जैसी होती है, जो हल्का सा मसलने पर आसानी से छिल जाती है. इसके विपरीत नकली लहसुन की त्वचा मोटी, खुरदरी और प्लास्टिक जैसी लगती है, जिससे उसे छीलने में दिक्कत होती है.
असली लहसुन सफेद या हल्के ऑफ-व्हाइट रंग का होता है. नकली लहसुन में हल्के भूरे रंग की छाया या ब्लीचिंग के निशान नजर आते हैं. इसके अलावा उस पर भूरे या काले धब्बे भी हो सकते हैं, जो मिलावट का संकेत हैं.
लहसुन की असली पहचान उसकी गंध से होती है. असली लहसुन में तेज, तीखी और झनझनाती हुई गंध आती है, जो नाक में चुभती है. वहीं नकली लहसुन में गंध या तो कम होती है या फिर बिल्कुल नहीं होती.
असली लहसुन की कलियां ठोस होती हैं और एक-दूसरे से अच्छी तरह जुड़ी रहती हैं. नकली लहसुन की कलियां अक्सर ढीली और बिखरी हुई होती हैं. छूने पर उनकी मजबूती में भी फर्क महसूस होता है.
असली लहसुन की कलियां आसानी से नहीं टूटतीं और उन्हें हाथ से तोड़ने में थोड़ी ताकत लगती है. लेकिन नकली लहसुन बेहद नाजुक होता है और हल्का दबाव पड़ते ही टूट जाता है.
एक आसान घरेलू तरीका यह है कि लहसुन की कुछ कलियों को एक गिलास पानी में डाल दें. असली लहसुन थोड़ी देर बाद पानी में डूब जाएगा, जबकि नकली लहसुन तैरने लगेगा क्योंकि उसमें वजन नहीं होता.