बरसात में कहीं बर्बाद न हो जाए आपकी फसल! समय रहते पहचानें जड़ गलन रोग के लक्षण, बचाव के टिप्स

Jad Galan Rog: धान की फसल में जड़ गलन रोग एक बड़ा खतरा है जो किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकता है. अगर रोपाई के बाद सही देखभाल न की जाए तो यह रोग फसल को बर्बाद भी कर सकता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान समय रहते इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों को समझें ताकि उनकी फसल स्वस्थ और मुनाफेदार बनी रहे. इसी कड़ी में आइए इस खबर में जानते हैं इस गंभीर समस्या से कैसे बचा जा सकती है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 12 Aug, 2025 | 04:11 PM
1 / 6धान की फसल में जड़ गलन रोग आमतौर पर रोपाई के 20 से 30 दिन बाद दिखाई देता है, जिससे पौधों की जड़ें गल जाती हैं और पौधा कमजोर होकर सूखने लगता है, जिससे पूरी फसल प्रभावित हो सकती है.

धान की फसल में जड़ गलन रोग आमतौर पर रोपाई के 20 से 30 दिन बाद दिखाई देता है, जिससे पौधों की जड़ें गल जाती हैं और पौधा कमजोर होकर सूखने लगता है, जिससे पूरी फसल प्रभावित हो सकती है.

2 / 6 इस बार किसानों को ‘ग्रेड A’ धान के लिए 2,545 रुपये मिलेंगे.
(फोटो- Canva)

इस बार किसानों को ‘ग्रेड A’ धान के लिए 2,545 रुपये मिलेंगे. (फोटो- Canva)

3 / 6मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे जड़ गलन रोग का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए सही मात्रा में खाद डालना आवश्यक है.

मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे जड़ गलन रोग का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए सही मात्रा में खाद डालना आवश्यक है.

4 / 6गर्म और उमस भरे मौसम में इस रोग का फैलाव तेज होता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में पौधों की जड़ों पर संक्रमण तेजी से बढ़ता है, इसलिए मौसम के अनुसार खेत की देखभाल और सावधानी बरतनी चाहिए.

गर्म और उमस भरे मौसम में इस रोग का फैलाव तेज होता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में पौधों की जड़ों पर संक्रमण तेजी से बढ़ता है, इसलिए मौसम के अनुसार खेत की देखभाल और सावधानी बरतनी चाहिए.

5 / 6जल जमाव को रोकने के लिए खेत में नियमित रूप से पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि जड़ गलन रोग का खतरा कम हो और फसल स्वस्थ रहे.

जल जमाव को रोकने के लिए खेत में नियमित रूप से पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि जड़ गलन रोग का खतरा कम हो और फसल स्वस्थ रहे.

6 / 6रासायनिक उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करता है और फसल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए जैविक खाद और प्राकृतिक तरीकों से खेती करना फायदेमंद रहता है.

रासायनिक उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करता है और फसल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए जैविक खाद और प्राकृतिक तरीकों से खेती करना फायदेमंद रहता है.

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