वैज्ञानिकों ने बनाई गजब की मशीन, बिना जुताई के करें फसल बुवाई..खाद छिड़काव में करेगी काम

भोपाल के केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने 'प्री इमरजेंस हरबीसाइड एप्लीकेटर कम प्लांटर' मशीन विकसित की है, जिससे बिना जुताई के खरीफ फसलों की बुवाई, खरपतवार नियंत्रण और यूरिया छिड़काव संभव है.

नोएडा | Updated On: 27 May, 2025 | 06:27 PM

बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित लगभग पूरे देश में खरीफ फसल की बुवाई शुरू हो गई है. किसान खेती को आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए तरह-तरह की मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी खेती में लागत कम होने बजाए बढ़ती जा रही है. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने एक ऐसा कृषि यंत्र का आविष्कार किया है, जिससे फसल की बुवाई करना आसान और खेती करना कम खर्चीला हो जाएगा.

दरअसल, भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के द्वारा किसानों के लिए एक से बढ़कर एक यंत्र तैयार किए जाते हैं. इन यंत्रों की मदद से जहां किसानों का कृषि कार्य आसान होता है, वहीं दूसरी तरफ उसकी फसल लागत भी कम होती है और उत्पादन बढ़ता है. हाल ही में केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने ऐसी ही एक मशीन का निर्माण किया है, जिसे प्री इमरजेंस हरबी साइड एप्लीकेटर कम प्लांटर कहा जाता है. इस मशीन के द्वारा खासतौर से खरीफ फसलों की बुवाई की जाती है.

इस मशीन से ले सकते हैं ये काम

इस मशीन से किसान मोटे अनाज की बुवाई भी कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस मशीन की मदद से किसान बिना जुताई के सीधे बुवाई कर सकते हैं. साथ ही इसकी मदद से आप खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए  कीटनाशकों का भी स्प्रे कर सकते हैं. इसके अलावा मशीन के द्वारा बुवाई के समय ही यूरिया का छिड़काव भी किया जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि यह कृषि मशीन आने वाले समय में खेती में क्रांति लाने का काम करेगी. इससे खेती में लागत कम होगी और किसानों की कमाई बढ़ेगी. इस मशीन से पूरे देश के किसानों को खेती करनी चाहिए.

15 फीसदी तक बढ़ जाता है उत्पादन

अगर इस मशीन की खासियत की बात करें, तो किसान इससे तीन तरह का काम ले सकते हैं. इस मशीन की मदद से किसानों को जहां खरपतवार की समस्या से छुटकारा मिलता है, वहीं इससे जुताई करने पर खर्च भी बचता है. यही नहीं इससे 10 से 15 फीसदी तक उत्पादन भी बढ़ जाता है जो किसानों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है.

Published: 27 May, 2025 | 06:20 PM