लगातार बारिश और लापरवाह प्रशासन ने किसानों की उम्मीदें डुबो दी हैं. सोयाबीन की खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है, खेतों में पानी भर गया है और मेहनतकश किसानों की सारी लगन अब मुरझाती फसलों के साथ डूब रही है.समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा और किसानों का आरोप है कि पिछले एक महीने से प्रशासन से खराब फसल का सर्वे कर बीमा राशि दिलाने की मांग की जा रही है.