भारत में लॉन्च हुआ हाई-रेजॉल्यूशन फोरकास्ट सिस्टम, अब मौसम की भविष्यवाणी होगी और सटीक

भारत मौसम विज्ञान विभाग अब इस नए मॉडल की मदद से इस साल के मॉनसून सीजन से ही अपने पूर्वानुमान और अलर्ट को ज्यादा बेहतर बना सकेगा. इससे किसानों, प्रशासन और आम लोगों को समय रहते मौसम की जानकारी मिलेगी, जिससे वे बेहतर तैयारी कर सकें.

नई दिल्ली | Published: 26 May, 2025 | 12:48 PM

क्या आपने कभी सोचा है कि जब मौसम की भविष्यवाणी गलत निकलती है, तो उसका असर सिर्फ भीगने तक ही सीमित नहीं होता? किसान की फसलें, लोगों की जान-माल और कई जरूरी फैसले उस एक अनुमान पर टिके होते हैं. ऐसे में अच्छी और सटीक मौसम जानकारी बेहद जरूरी हो जाती है. अब भारत ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठा लिया है.

आज भारत को अपना पहला, पूरी तरह देश में तैयार किया गया, हाई-रिजॉल्यूशन वेदर मॉडल ‘भारत फोरकास्ट सिस्टम (Bharat Forecast System – BFS)’ मिल रहा है. इस सिस्टम को पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने तैयार किया है, और इसे आज आधिकारिक रूप से भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को सौंपा जा रहा है.

क्या है खास ‘भारत फोरकास्ट सिस्टम’ में?

यह देश का पहला हाई-रेजॉल्यूशन वेदर मॉडल है, जो 6 किलोमीटर x 6 किलोमीटर की सटीकता के साथ मौसम का अनुमान देगा. पहले जहां 12×12 किलोमीटर के क्षेत्र को एक यूनिट मानकर अनुमान लगाया जाता था, अब यह दायरा आधा हो गया है, मतलब अब छोटी जगहों पर भी सटीक पूर्वानुमान मिल सकेगा. साथ ही बारिश, तूफान, गर्मी और ठंड जैसे मौसमीय बदलावों की स्थानीय स्तर पर सटीक जानकारी मिल पाएगी.

IMD को कैसे मिलेगा फायदा?

IMD यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग अब इस नए मॉडल की मदद से इस साल के मॉनसून सीजन से ही अपने पूर्वानुमान और अलर्ट को ज्यादा बेहतर बना सकेगा. इससे किसानों, प्रशासन और आम लोगों को समय रहते मौसम की जानकारी मिलेगी, जिससे वे बेहतर तैयारी कर सकें.

कैसे काम करता है ये सिस्टम?

BFS एक ‘डिटरमिनिस्टिक मॉडल’ है यानी यह एक निश्चित सेट डेटा के आधार पर अनुमान देता है. यह सिस्टम वायुमंडल और समुद्र से जुड़े डेटा को सुपर कंप्यूटर की मदद से प्रोसेस करता है और फिर उसका विश्लेषण करके मौसम की जानकारी देता है. इससे ना सिर्फ घंटों बल्कि दिन, हफ्ते और महीनों तक के मौसम का अनुमान संभव हो पाता है.

इस सिस्टम को 2022 से IITM में ट्रायल मोड में चलाया जा रहा था और अब यह पूरी तरह से तैयार है. आने वाले समय में इसकी सटीकता को और बढ़ाते हुए इसे 3km और 1km तक के रेजॉल्यूशन पर लाने की तैयारी है.