नौतपा में हो सकते हैं हीट स्ट्रोक का शिकार, जान लें लक्षण और बचाव के उपाय

नौतपा के दौरान हीटस्ट्रोक के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जाती है, क्योंकि अधिक तापमान को इंसानी शरीर बर्दाश्त नहीं कर पाता है और हीटस्ट्रोक की चपेट में आ जाता है. यह एक बेहद ही गंभीर और जानलेवा स्थिति होती है.

नोएडा | Published: 1 Jun, 2025 | 11:54 AM

नौतपा के दौरान लोगों को सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. अगर इनका सही से इलाज और डॉक्टर से सही सलाह न ली जाए तो ये समस्याएं जानलेवा भी हो सकती हैं. यही कारण है कि इन दिनों लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इन दिनों गर्मी और धूप अपने चरं पर होती है. भीषण गर्मी और लू से होने वाली कई समस्याओं में से एक है हीट स्ट्रोक. जब इंसान के शरीर का तापमान हद से ज्यादा बढ़ जाता है तब वो हीट स्ट्रोक का शिकार हो जाता है.

क्या है हीट स्ट्रोक

जब इंसान के शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे भी ज्यादा पहुंच जाता है , और जब इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है तब उसे हीट स्ट्रोक कहते हैं. यह एक बेहद ही गंभीर और जानलेवा स्थिति होती है. इंसान हीट स्ट्रोक का शिकार तब होती है जब वह लंबे समय तक तेज गर्मी या धूप में रहता है. यही कारण है कि नौतपा के 9 दिनों के दौरान गर्मी के अपने चरम पर होने के कारण लोगों को धूप में न निकलने की सलाह दी जाती है.

हीटस्ट्रोक के लक्षण

बात करें हीट स्ट्रोक के लक्षणों की तो आपको बता दें इंसान को हीट स्ट्रोक होता है तो उसके शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है वहीं उन्हें चक्कर, बेहोशी और साथ ही वे बोलने में भी लड़खड़ाने लगते हैं. हीट स्ट्रोक का असर जब बहुत ज्यादा होता है तो पसीना नहीं निकलता और दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है. लगातार तेज सिर दर्द होने के कारण खाना खाने और पानी पीने पर भी उल्टी की समस्या होने लगती है. शरीर की मांसपेशियां एंठने लगती हैं और बहुत ज्यादा कमजोरी या थकान से इंसान बेहोश होने लगता है.

बचने के लिए करें ये उपाय

अगर किसी इंसान में हीट स्ट्रोक के लक्षण नजर आएं तो ऐसे में उसे तुरंत किसी छांव या ठंडी जगह पर ले जाएं. उसके कपड़े खोलें और ढीले कपड़ें पहनाएं.शरीर को ठंडी पानी से पोछें. गर्दन , बगल और जांघ पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें ताकि शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिल सके. अगर इंसान होश में है तो उसे धीरे-धीरे पानी या ओ.आर एस. का घोल दें. अगर स्थिति कंट्रोल से बाहर हो रही है और इमरजेंसी है तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल लेकर जाएं.