टमाटर उत्पादन में मध्य प्रदेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, धनिया-लहसुन उगाने में सबसे आगे

मध्यप्रदेश ने सब्जी उत्पादन में देशभर में तीसरा स्थान हासिल किया है. टमाटर की खेती में राज्य पहले स्थान पर है. अनूपपुर जिले के किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, जिससे किसानों की आय बढ़ी और राज्य की पहचान मजबूत हुई.

नोएडा | Updated On: 26 Aug, 2025 | 10:21 PM

मध्यप्रदेश के किसानों ने मेहनत और नई तकनीक से कृषि क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. राज्य ने सब्जी उत्पादन में देशभर में तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है. खास बात यह है कि टमाटर, धनिया और लहसुन के उत्पादन में प्रदेश ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है. खासकर अनूपपुर जिले के किसानों ने टमाटर की पैदावार कर ऐसा इतिहास रचा है, जिसने पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है.

सब्जी उत्पादन में मध्यप्रदेश की बड़ी छलांग

मध्यप्रदेश आज देश के प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्यों में शामिल है. राज्य में करीब 12 लाख 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की खेती की जा रही है. इनमें सबसे ज्यादा उत्पादन टमाटर का है. वर्ष 2024-25 में टमाटर की खेती 1 लाख 27 हजार 740 हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है. अनुमान है कि इस दौरान करीब 36 लाख 94 हजार 702 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होगा. पिछले चार वर्षों में राज्य में टमाटर की खेती का क्षेत्रफल लगभग 16,776 हेक्टेयर बढ़ा है. वर्ष 2021-22 में जहां किसान 1,10,964 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती करते थे, वहीं अब यह बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.

टमाटर की बढ़ती मांग और पहचान

मध्यप्रदेश के टमाटर की मांग केवल राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी काफी अधिक है. किसानों की मेहनत और सरकार की योजनाओं का असर यह रहा कि प्रदेश में टमाटर की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 28.92 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. यह सब्जियों की औसत उत्पादकता (15.02 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर) से कहीं अधिक है. प्रदेश का कुल उद्यानिकी क्षेत्र 26 लाख 91 हजार हेक्टेयर है, जिसमें से करीब 12 लाख 40 हजार हेक्टेयर में किसान सब्जियां उगा रहे हैं. इससे प्रदेश हर साल करीब 245 लाख 98 हजार मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन करता है और पूरे देश में तीसरे स्थान पर मजबूती से टिका है.

किसानों को सरकार की योजनाओं से मिला सहारा

राज्य सरकार किसानों को टमाटर उत्पादन के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. टमाटर बीजों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा, PMFME योजना के तहत किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की सुविधा आसान हुई है. इससे छोटे स्तर पर टमाटर आधारित उद्योगों की संख्या भी बढ़ रही है. ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली पर भी 50-50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इससे किसानों की लागत घट रही है और उत्पादन बढ़ रहा है.

अनूपपुर जिले ने किया कमाल

मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले ने टमाटर उत्पादन में नया इतिहास रच दिया है. यहां 15 हजार किसानों ने मिलकर करीब 1 लाख 40 हजार मीट्रिक टन टमाटर की रिकॉर्ड पैदावार की है. जिले के जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ ब्लॉकों में बड़े स्तर पर खेती हो रही है. अनूपपुर के टमाटर न केवल शहडोल, रीवा और सतना तक पहुंच रहे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ के रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और महाराष्ट्र के कई जिलों में भी भेजे जा रहे हैं. इस कारण किसानों को स्थानीय बाजार के साथ-साथ बाहरी बाजार से भी बेहतर दाम मिल रहे हैं.

किसानों की बढ़ी आय और मजबूत अर्थव्यवस्था

टमाटर की खेती ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना दिया है. प्रति हेक्टेयर 50 से 60 हजार रुपये की लागत आने के बाद किसान डेढ़ से 2 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं. अगर एक एकड़ में हिसाब लगाया जाए तो मुनाफा लगभग 1 लाख रुपये तक पहुंच रहा है. सरकार द्वारा विकसित स्थानीय विपणन सुविधाओं से किसानों को उपज बेचने में और भी आसानी हो रही है. इससे उनकी आय लगातार बढ़ रही है और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है.

Published: 27 Aug, 2025 | 06:00 AM

Topics: