Lumpy Skin Disease: पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन बीमारी, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Cattle Care: देश के कई इलाकों में पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी तेजी से फैल रही है. पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी कर पशुपालकों को सतर्क रहने और पशुओं का तुरंत टीकाकरण कराने की अपील की है. साथ ही हेल्पलाइन नंबर से सहायता लेने की सलाह दी है.

Kisan India
नोएडा | Published: 8 Nov, 2025 | 09:00 AM

Lumpy Skin Disease : इन दिनों कई जिलों में पशुओं के बीच लम्पी स्किन बीमारी तेजी से फैल रही है. यह वायरस खासकर गाय और भैंस जैसे गोवंशीय पशुओं को प्रभावित कर रहा है. स्थिति को देखते हुए पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को सतर्क रहने और बीमारी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. साथ ही, विभाग ने राज्यस्तरीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है ताकि किसानों को तुरंत मदद मिल सके.

कई जिलों में तेजी से फैल रहा संक्रमण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्यप्रदेश के कई जिलों में लम्पी स्किन बीमारी  के मामले बढ़ रहे हैं. यह बीमारी संक्रामक है और एक पशु से दूसरे में मच्छर, मक्खी या किल्ली के माध्यम से फैलती है. इसे रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. विभाग का कहना है कि संक्रमित पशुओं को तुरंत अलग रखें ताकि संक्रमण आगे न फैले.

पशुओं का मुफ्त टीकाकरण अभियान जारी

विभाग के अनुसार, राज्य में लम्पी वायरस से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है. अब तक लाखों पशुओं को मुफ्त टीके लगाए जा चुके हैं. कई जिलों में यह अभियान अभी भी जारी है. पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने सभी पशुओं का जल्द से जल्द टीकाकरण करवाएं ताकि संक्रमण का खतरा कम हो.

लम्पी स्किन बीमारी के लक्षण क्या हैं?

लम्पी स्किन बीमारी एक वायरस जनित रोग है, जो वर्षा के मौसम में ज्यादा फैलता है. इसके शुरुआती लक्षणों में 2 से 3 दिन तक हल्का बुखार, शरीर पर गोल-गोल गठानें और त्वचा पर सूजन देखी जाती है. बाद में ये लक्षण मुंह, गले और श्वसन नली तक फैल सकते हैं. इससे दूध उत्पादन कम हो जाता है और गर्भवती पशुओं में गर्भपात  की संभावना बढ़ जाती है. अधिकांश पशु 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, लेकिन दूध की मात्रा घट जाती है.

पशुपालकों के लिए विभाग की अहम सलाह

विभाग ने पशुपालकों  से अपील की है कि बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग रखें. पशु रखने की जगह की नियमित सफाई करें और मक्खी-मच्छरों को नियंत्रित करें. बीमार पशु दिखने पर नजदीकी पशु चिकित्सक या औषधालय से संपर्क करें. इसके साथ ही, स्वस्थ पशुओं को भी टीका जरूर लगवाएं ताकि संक्रमण से सुरक्षा मिल सके.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 8 Nov, 2025 | 09:00 AM

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

Side Banner

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?