UAE बना भारत के अंडों का सबसे बड़ा खरीदार, छह महीनों में दोगुना हुआ पोल्ट्री निर्यात

अब तक ओमान भारत से अंडों का सबसे बड़ा खरीदार रहा था, लेकिन इस बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ओमान को पीछे छोड़ दिया है. UAE ने पिछले साल ही भारत से अंडे आयात करने की अनुमति दी थी और अब वहां से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Nov, 2025 | 07:31 AM

Poultry Exports: भारत का पोल्ट्री उद्योग इन दिनों तेजी से चमक रहा है. साल 2025-26 की पहली छमाही में भारत का पोल्ट्री निर्यात पिछले साल की तुलना में दोगुना बढ़कर करीब 149 मिलियन डॉलर पहुंच गया है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से मध्य पूर्व के देशों, खासकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ओमान से आई मजबूत मांग की वजह से हुई है. बीते साल इसी अवधि में भारत ने करीब 71.16 मिलियन डॉलर के पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया था.

रुपये में भी हुआ शानदार इजाफा

अगर रुपए के हिसाब से देखें, तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत ने करीब 1,288 करोड़ रुपये के पोल्ट्री उत्पाद विदेश भेजे हैं. इसमें अंडे और उनसे बने उत्पाद सबसे ज्यादा बिकने वाले आइटम रहे. इस समय भारत से अंडे का सबसे बड़ा निर्यातक केंद्र नामक्कल (तमिलनाडु) बना हुआ है, जो ‘एग कैपिटल ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर है.

UAE बना भारत का सबसे बड़ा खरीदार

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ओमान भारत से अंडों का सबसे बड़ा खरीदार रहा था, लेकिन इस बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ओमान को पीछे छोड़ दिया है. UAE ने पिछले साल ही भारत से अंडे आयात करने की अनुमति दी थी और अब वहां से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं.

ऑल इंडिया पोल्ट्री एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव वल्सन परमेस्वरन के अनुसार, “UAE ने भारतीय अंडों की गुणवत्ता को बहुत पसंद किया है. हमने अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए लगातार मेहनत की है, और इसका नतीजा अब निर्यात में देखने को मिल रहा है.”

क्यों बढ़ी भारतीय अंडों की मांग?

भारत के अंडों की मांग इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि तुर्की और ईरान जैसे देशों में इस साल उत्पादन की दिक्कतें रही हैं. इन देशों से पहले मध्य पूर्व के बाजारों को अंडे की आपूर्ति होती थी, लेकिन वहां कमी आने पर भारत को बड़ा मौका मिला.

भारत ने इस साल जून महीने में पहली बार अमेरिका को भी करीब 1 करोड़ अंडे भेजे, जो एक नया रिकॉर्ड है, हालांकि इसके बाद अमेरिका से कोई नया ऑर्डर नहीं मिला.

एशियाई देशों से भी मिल रही नई उम्मीदें

भारत के अंडों की मांग अब सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रही. जापान और इंडोनेशिया जैसे एशियाई देशों से भी भारतीय अंडों की मांग बढ़ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी 2026 तक यह मजबूत मांग बनी रहेगी और इस वित्त वर्ष में पोल्ट्री निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहेगा.

पिछले साल रही थी गिरावट

साल 2024-25 में भारत के पोल्ट्री निर्यात में करीब 9 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. उस समय निर्यात का मूल्य 205 मिलियन डॉलर से घटकर 185.98 मिलियन डॉलर रह गया था. लेकिन इस बार परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं — वैश्विक बाजार में कमी और भारत की गुणवत्ता ने मिलकर इसे नई ऊंचाई दी है.

देश में अंडा उत्पादन भी बढ़ा

भारत में अंडा उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023-24 में देश में 142.77 अरब अंडों का उत्पादन हुआ. यह पिछले 10 सालों में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

राज्यवार आंकड़े

आंध्र प्रदेश सबसे बड़ा अंडा उत्पादक राज्य है, जिसकी हिस्सेदारी 17.85 फीसदी है. इसके बाद तमिलनाडु (15.64 फीसदी), तेलंगाना (12.88 फीसदी), पश्चिम बंगाल (11.37 फीसदी) और कर्नाटक (6.63 फीसदी) का स्थान आता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत इसी गुणवत्ता और निरंतरता को बनाए रखता है, तो आने वाले महीनों में पोल्ट्री निर्यात का आंकड़ा 200 मिलियन डॉलर से भी ऊपर जा सकता है. बढ़ती वैश्विक मांग और मजबूत उत्पादन भारत को दुनिया के अग्रणी अंडा निर्यातकों की सूची में शामिल कर सकता है.

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