Tamil Nadu News: तमिलनाडु के नामक्कल में अंडों की थोक कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. रविवार को अंडे की खरीद कीमत 6.35 प्रति पीस रही, जो अब तक की सबसे ज्यादा है. खुदरा बाजार में एक अंडा 7 रुपये से 7.50 रुपये तक बिक रहा है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि जनवरी में निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में और इजाफे की संभावना है. खास बात यह है कि तमिलनाडु के अलावा ओडिशा में भी अंडा महंगा बिक रहा है. भुवनेश्वर में अंडे की कीमत बढ़कर 9 रुपये प्रति पीस हो गई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है.
नामक्कल में 1,600 से ज्यादा पोल्ट्री फार्म हैं और यहां रोजाना 6- 7 करोड़ अंडों का उत्पादन होता है. ये अंडे तमिलनाडु के अलावा केरल, उत्तर भारत और मस्कट, कतर, यूएई व साउथ अफ्रीका जैसे देशों में निर्यात किए जाते हैं. नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) रोजाना मांग और उत्पादन के आधार पर कीमत तय करती है. इससे पहले नामक्कल में अंडे की सबसे ज्यादा कीमत 5.90 रुपये थी, लेकिन 15 नवंबर के बाद कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. पोल्ट्री संगठनों के मुताबिक, सर्दी और अचानक ठंड बढ़ने से अंडों की खपत बढ़ी है और उत्पादन भी प्रभावित हुआ है. नामक्कल में 5 से 10 फीसदी और उत्तर भारत में 20 फीसदी से ज्यादा उत्पादन पर असर पड़ा है. ठंड कम होने तक कीमतें घटने की संभावना कम बताई जा रही है.
अंडे की कीमतों में 2 रुपये प्रति पीस की बढ़ोतरी
वहीं, भुवनेश्वर में पिछले एक हफ्ते के दौरान अंडों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे आम लोगों का घरेलू बजट प्रभावित हो रहा है. कारोबारियों के अनुसार, एक हफ्ते में अंडे की कीमत 2 रुपये प्रति पीस बढ़ गई है. यूनिट-4 नॉनवेज मार्केट में फिलहाल अंडा 9 रुपये प्रति पीस बिक रहा है, जो एक हफ्ते पहले 7 रुपये था. अंडे की एक ट्रे की कीमत 190 रुपये से बढ़कर 230 रुपये हो गई है, जबकि एक पूरा बॉक्स अब करीब 1,560 रुपये में मिल रहा है.
आंध्र प्रदेश से होती है अंडों की आपूर्ति
व्यापारियों का कहना है कि ओडिशा में अंडों की आपूर्ति मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश से होती है. राज्य के भीतर गंजाम जिला बड़ा सप्लायर है, लेकिन हाल के दिनों में वहां से सप्लाई घटने के कारण भुवनेश्वर के बाजारों में कमी आ गई है. मांग के मुकाबले सप्लाई कम होने से दाम बढ़े हैं. कीमत बढ़ने के बाद बिक्री भी प्रभावित हुई है और ग्राहक पहले के मुकाबले कम अंडे खरीद रहे हैं. वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि दाम बढ़ने के बावजूद अंडे रोजमर्रा की जरूरत हैं, इसलिए उन्हें खरीदना मजबूरी है.