कृषि निर्यात में 30 फीसदी की बढ़ोतरी, खाद्यान्न उत्पादन 164.5 मिलियन टन रहने की उम्मीद

भारत के कृषि निर्यात में तेजी से वृद्धि हो रही है. वहीं, 2024-25 की रबी सीजन के लिए जारी दूसरी अग्रिम अनुमान रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 164.5 मिलियन टन रहने की उम्मीद है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 8 May, 2025 | 05:09 PM

भारत के कृषि निर्यात में लगातार तेजी बढ़ोतरी हो रही है. एसबीआई म्यूचुअल फंड्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वॉल्यूम के हिसाब से बीते 3 महीने का औसत देखा जाए, तो इसमें सालाना आधार पर 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. जनवरी 2025 में निर्यात वॉल्यूम में 39 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जबकि फरवरी 2025 में यह 15 फीसदी रही. यह सुधार उस दौर की तुलना में काफी बेहतर है जब मिड-2022 से लेकर शुरुआती 2024 तक वृद्धि दर ज्यादातर नकारात्मक या बहुत कम रही थी. वहीं, खाद्यान्न उत्पादन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है.

कोविड-19 महामारी के दौरान, खासकर 2020 के मध्य से 2021 की शुरुआत तक, भारत के कृषि निर्यात में जबरदस्त उछाल देखा गया था. उदाहरण के लिए, दिसंबर 2020 में कृषि निर्यात की वॉल्यूम ग्रोथ सालाना आधार पर 100 फीसदी से भी ज्यादा रही, जो उस समय वैश्विक संकट के बीच भारतीय कृषि उत्पादों की मजबूत मांग को दिखाती है. हालांकि, इसके बाद 2021 में यह ग्रोथ धीरे-धीरे घटने लगी और 2022-2023 के दौरान यह रफ्तार अस्थिर हो गई. लेकिन दिसंबर 2023 से स्थिति बदलने लगी है.

निर्यात प्रदर्शन में स्थाई सुधार

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक,  ग्रोथ रेट एक बार फिर पॉजिटिव जोन में लौट आई है और निर्यात में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है. हाल के आंकड़े बताते हैं कि यह सेक्टर अब तेजी से रिकवर कर रहा है और अच्छी प्रगति कर रहा है. 3 महीने के औसत के हिसाब से 30 फीसदी की ग्रोथ यह दिखाती है कि यह सुधार सिर्फ एक बार की छलांग नहीं है, बल्कि निर्यात प्रदर्शन में स्थाई सुधार की ओर इशारा करता है.

खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की उम्मीद

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जब कृषि निर्यात बढ़ रहा है, उसी समय देश में खाद्यान्न उत्पादन भी नए रिकॉर्ड बना रहा है. 2024-25 की रबी सीजन के लिए जारी दूसरी अग्रिम अनुमान रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 164.5 मिलियन टन रहने की उम्मीद है. यह 2023-24 के 155 मिलियन टन के मुकाबले करीब 6 फीसदी ज्यादा है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण चावल और मोटे अनाजों की अच्छी पैदावार है. रबी की मजबूत फसल और निर्यात में तेजी, दोनों मिलकर भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं. ज्यादा उत्पादन से देश में खाद्य सुरक्षा और दामों में स्थिरता बनी रहती है. वहीं निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़ती है और देश की व्यापार स्थिति भी बेहतर होती है. कुल मिलाकर, हाल के आंकड़े भारत के कृषि निर्यात सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत दे रहे हैं.

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Published: 8 May, 2025 | 05:06 PM

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