शुरू करें लेमनग्रास की खेती, एक बार लगाएं और 5 साल तक पाएं मुनाफा

लेमनग्रास कम पानी, कम खाद और बंजर जमीन में आसानी से उगाया जा सकता है.

Kisan India
Agra | Updated On: 10 Mar, 2025 | 02:22 PM

भारतीय किसानों में पारंपरिक फसलों के अलावा हर्बल की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है. ऐसी ही एक फसल है लेमनग्रास, जो किसानों के लिए लाभदायक विकल्प के रूप में सामने आई है. इस पौधे की खास बात है कि इसे कम पानी, कम खाद और बंजर जमीन में आसानी से उगाया जा सकता है.

औषधीय गुणों के कारण बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी रहती है, जिससे यह किसानों के लिए आय बढ़ाने का एक अच्छा साधन बन सकती है. चलिए जानते हैं, कैसे किसान लेमनग्रास की खेती कर सकते हैं.

लेमनग्रास (Lemongrass) क्या है?

लेमनग्रास एक सुगंधित घास है, जिसे हिंदी में कभी-कभी निम्बू घास भी कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Cymbopogon citratus है. यह पौधा उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आसानी से उगाया जाता है. इसकी खास बात यह है कि यह अपनी ताजगी भरी, नींबू जैसी खुशबू के लिए प्रसिद्ध है.

ऐसे करें लेमनग्रास की खेती

मिट्टी और जलवायु
लेमनग्रास को अच्छी धूप और नियमित पानी की जरूरत होती है. पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए जलनिकासी और उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए.

रोपण
इस घास को बीज या कटिंग के माध्यम से उगाया जा सकता है, लेकिन अक्सर कटिंग के द्वारा इसे जल्दी और प्रभावी रूप से उगाया जाता है. रोपण के समय पौधों को पर्याप्त दूरी पर लगाना चाहिए ताकि उन्हें बढ़ने के लिए जगह मिल सके.

रख-रखाव
पौधों को नियमित पानी देना, समय-समय पर उर्वरक का प्रयोग, और खरपतवार का नियंत्रण जरूरी है. एक बार पौधा बढ़ने लगे, तो उसकी कटाई से बार-बार नई फसल प्राप्त की जा सकती है.

कब करें लेमनग्रास की खेती
लेमनग्रास की खेती का सबसे अच्छा समय फरवरी से जुलाई के बीच माना जाता है. इस समय मौसम ऐसा रहता है कि पौधे जल्दी से बढ़ते हैं और अच्छी पैदावार होती है. पौधे लगाने के 3 से 5 महीने बाद पहली कटाई की जा सकती है. यह समय पौधे के विकसित होने और पर्याप्त मात्रा में तेल और सुगंध उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त होता है. साथ ही, जब लेमनग्रास के पौधे को तोड़कर सूंघा जाए और उसमें तेज़ नींबू की खुशबू महसूस हो, तो यह संकेत होता है कि पौधा कटाई के लिए तैयार है.

कटाई
कटाई करते समय ध्यान रखें कि पौधे को जमीन से 5 से 8 इंच ऊपर से काटें और मुख्य तने को कोई नुकसान न पहुंचे. एक बार पौधा लगाने के बाद, लेमनग्रास की 6 से 7 बार तक कटाई की जा सकती है.

खेती से कमाई
लेमनग्रास की खेती में लगभग 40 हजार रुपये तक का खर्च आता है. तेल और पत्तियों को सुखाकर बनाई गई चाय पत्तियों के जरिए किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं. लेमनग्रास की पत्तियों से तेल निकाला जाता है. इसकी खेती से किसान सालाना 2 से 3 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.

 

 

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Published: 17 Feb, 2025 | 05:40 PM

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