किसानों को नहीं मिल रहा KCC लोन, बैंक कर्मचारी नए नियमों का दे रहे हवाला.. जानें पूरा मामला

कोयंबटूर में किसान NOC न मिलने से परेशान हैं, जिससे उन्हें PACS से KCC लोन नहीं मिल पा रहा. सहकारी समितियों के नए नियम और राष्ट्रीयकृत बैंकों की अनिच्छा के कारण किसान आर्थिक संकट में हैं. किसान संगठनों ने आदेश वापस लेने की मांग की है.

नोएडा | Published: 25 Jul, 2025 | 01:58 PM

तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों को नॉन-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) देने से मना कर रहे हैं. ऐसे में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि NOC प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर लोन लेने के लिए जरूरी होता है. अगर उन्हें NOC नहीं मिलता है, तो उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, थीथीपलायम के किसान आर पेरियासामी ने कहा 17 जुलाई को सहकारी समितियों द्वारा जारी एक नया सर्कुलर जारी किया गया. इसके अनुसार, जिन किसानों ने पहले से किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से KCC लोन लिया है, उन्हें अब उसी बैंक की ब्रांच से NOC लाना जरूरी है. जब मैं थोंडामुथुर तालुक स्थित अपने बैंक में गया, तो उन्होंने मुझे NOC देने से मना कर दिया, क्योंकि मेरे नाम पहले से एक केसीसी लोन है. मेरे जैसे कई किसान हैं जिन्हें इसी वजह से NOC नहीं मिल पा रहा है और वे PACS से लोन नहीं ले पा रहे हैं.

केवल 4 फीसदी देना पड़ता है ब्याज

तमिलनाडु विवसायिगल संगम के जिला अध्यक्ष एस पलानीसामी ने कहा कि सहकारी समितियां अधिकतम 2 लाख रुपये तक का किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन देती हैं, वो भी बिना ब्याज के सिर्फ एक साल के लिए. ये लिमिट किसान की जमीन के आकार पर निर्भर नहीं करती. यानी अगर किसी किसान के पास 10 एकड़ से अधिक जमीन भी हो, तब भी उसे 2 लाख रुपये से ज्यादा लोन नहीं मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई किसान सिर्फ एक एकड़ में केले की खेती करता है, तो उसे कम से कम 1.7 लाख रुपये की लागत लगती है. ऐसे में PACS से मिलने वाला लोन पूरे खेत की खेती के खर्च के लिए काफी नहीं होता. इसलिए किसान राष्ट्रीयकृत बैंकों से KCC लोन लेते हैं, जहां ब्याज सब्सिडी योजना के तहत सिर्फ 4 फीसदी ब्याज देना पड़ता है.

सहकारी समितियां इस आदेश को तुरंत वापस लें

पलानीसामी ने आगे कहा कि जब तक किसान अपना पुराना लोन पूरी तरह चुका नहीं देता, तब तक कोई भी बैंक NOC नहीं देगा. वहीं सहकारी समितियों के अधिकारी बस यही कह रहे हैं कि अगर बैंक से NOC लाओगे, तो लोन मिल जाएगा. यह नया नियम ऐसा लगता है जैसे PACS किसानों को राष्ट्रीयकृत बैंकों से लोन लेने से रोकने की कोशिश कर रही है, जिससे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं. उन्होंने मांग की कि सहकारी समितियां इस आदेश को तुरंत वापस लें.

कई बैंकों से एक साथ KCC लोन नहीं मिलेगा

जब इस मुद्दे पर सहकारी समितिय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये नियम RBI की गाइडलाइंस के अनुसार लागू किए गए हैं. इसका मकसद यह है कि किसान कम ब्याज दर वाली ब्याज सब्सिडी योजना के तहत कई बैंकों से एक साथ KCC लोन न ले सकें. हालांकि, हमें किसानों से इस संबंध में कई शिकायतें मिली हैं और हम यह मामला सरकार के सामने रखेंगे.