श्रमदान से ग्रामीणों ने साफ कर दी जोहिला नदी, जल संरक्षण की अनोखी तस्वीर

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में मनरेगा और सरकारी योजनाओं की मदद से रिचार्ज पिट्स और अमृत सरोवरों का निर्माण कर जल संरक्षण और सिंचाई की बड़ी पहल हो रही है.

नोएडा | Updated On: 24 May, 2025 | 11:22 PM

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में खेतों की हरियाली अब केवल बारिश की मेहरबानी पर नहीं टिकी है. राज्य सरकार की मजबूत पहल और मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से यहां जल संरक्षण की ऐसी मिसाल कायम हो रही है, जो पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन सकती है.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सरकार ने यह संकल्प लिया है कि किसानों को न केवल सिंचाई के लिए, बल्कि पीने के लिए भी भरपूर पानी मिले. इसी सोच के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की निगरानी में जिले भर में जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि जल संरक्षण की इस मुहिम ने सिर्फ़ लक्ष्य ही नहीं छूए, बल्कि उन्हें पार भी किया है.

1800 से ज्यादा बने खेत तालाब

विदिशा जिले के सभी सात जनपदों बसौदा, ग्यारसपुर, कुरवाई, लटेरी, नटेरन, सिरोंज और विदिशा में अब तक 1,819 खेत-तालाब, 21 अमृत सरोवर और 1,709 कूप रिचार्ज पिट का निर्माण या निर्माणाधीन कार्य चल रहा है. वहीं, जिले में 21 अमृत सरोवरों का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 14 पूर्ण हो चुके हैं और 7 पर कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा जहां लक्ष्य 1,731 था, वहां लक्ष्य से अधिक 1,819 तालाब बनाए जा चुके हैं. इतना ही नहीं 14 सौ कुओं को रिचार्ज करने का लक्ष्य था और अब तक 1,709 पिट बनाए जा चुके हैं.

ये संरचनाएं न केवल भूजल स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद कर रही हैं, बल्कि गर्मियों में भी पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैंल्कि पीने के पानी की समस्या से भी राहत मिलेगी.

किसान बन रहे हैं जल-संरक्षण के भागीदार

सबसे बड़ी बात यह है कि किसान अब खुद आगे बढ़कर खेत-तालाब निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. पहले जहां बारिश का पानी बहकर चला जाता था, अब वही जल खेतों में संचित होकर भूजल स्तर बढ़ा रहा है और फसल उत्पादन में वृद्धि ला रहा है.

ड्रोन से बीजों की बारिश

बुरहानपुर और अन्य जिलों में इस अभियान को तकनीकी सहयोग भी मिल रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने हेक्साकॉप्टर ड्रोन से इमली और सीताफल के बीजों का छिड़काव कर एक नई पहल की शुरुआत की. आजीविका मिशन की दीदियों ने ड्रोन के अनुरूप बीजों की सीड बॉल्स तैयार की हैं, जिससे खाली पहाड़ियों और बंजर जमीन पर हरियाली लौटेगी.

श्रमदान से जोहिला नदी की सफाई

नवांकुर संस्था उमरिया जिले में गोरैया ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने श्रमदान कर जोहिला नदी की सफाई कर एक उदाहरण पेश किया है. कचरे से पटे नदी तट को साफ कर ग्रामीणों ने जल स्रोतों की स्वच्छता और संरक्षण का संदेश पूरे जिले को दिया.

Published: 25 May, 2025 | 08:30 AM