खंडवा बना जल क्रांति की राजधानी, सिंचाई संकट खत्म करने के लिए 1 लाख कुएं रिचार्ज

मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जलगंगा संवर्धन अभियान जन-आंदोलन बन चुका है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 1 Jul, 2025 | 11:07 AM

मध्यप्रदेश आज जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य में जलगंगा संवर्धन अभियान ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया है. खंडवा जिले में 1 लाख कुओं में फिर से पानी भरवाया गया (रिचार्ज) और 70 हजार पुराने जलस्रोतों को ठीक किया गया और सैकड़ों करोड़ की सिंचाई परियोजनाएं इस बदलाव की गवाही देती हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने PM मोदी को आधुनिक युग का भागीरथ कहा और यह साबित कर दिया कि जब नेतृत्व और जनभागीदारी मिलते हैं तो क्रांति संभव है.

जल संरक्षण में देशभर में नंबर 1 बना खंडवा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि अकेले खंडवा जिले में 254 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख से अधिक कुओं में फिर से पानी भरवाया गया है. इसके चलते खंडवा को देश में जलसंरक्षण में पहला स्थान मिला है. यह कार्य मनरेगा योजना और स्थानीय जनभागीदारी से संभव हुआ है. जल की एक-एक बूंद सहेजने की इस मुहिम ने गांवों की तस्वीर ही बदल दी है.

70 हजार जलस्रोतों का संरक्षण

प्रदेशभर में 70 हजार कुएं, बावड़ियां, तालाब और नदियों का संरक्षण किया गया है. इस कार्य में 2.39 लाख जलदूतों ने भाग लिया, जिन्होंने गांव-गांव जाकर जलसंरक्षण को लोगों की आदत में शामिल किया. साथ ही 38 हजार खेत तालाब भी तैयार किए गए, जो सिंचाई और भूजल स्तर बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेते हुए

सिंचाई में आत्मनिर्भरता की ओर

प्रदेश में अब तक 9 हजार नई जल रचनाएं खेतों की सिंचाई के लिए तैयार की गई हैं. इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानकारी दी कि आने वाले वर्षों में सिंचाई क्षेत्र को 55 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाया जाएगा. यह बदलाव कृषि उत्पादकता में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा.

नदियों और नालों का वैज्ञानिक प्रबंधन

जलगंगा अभियान के तहत 57 नदियों में मिलने वाले 140 बड़े नालों की पहचान कर उन्हें साफ और संरक्षित किया गया है. साथ ही 36 जिलों में 91 वाटर-शेड परियोजनाएं विकसित की गई हैं. ये प्रोजेक्ट बारिश के पानी को जमीन में उतारने और जलसंकट कम करने में कारगर साबित हो रहे हैं.

पानी बचा तो तापमान गिरा और पर्यावरण भी हुआ बेहतर

खंडवा जैसे जिलों में इस जल मुहिम की वजह से तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है. यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा संकेत है. वहीं इंदौर संभाग ने स्वच्छता और जल संरक्षण में नंबर-1 स्थान हासिल कर लिया है, जिससे साफ है कि यह अभियान सिर्फ जल नहीं, बल्कि जन-जीवन सुधार का आंदोलन बन गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक युग का भागीरथ बताया है.

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Published: 1 Jul, 2025 | 06:45 AM

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