मध्य प्रदेश में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अब तक प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 10,118 उपभोक्ताओं का रजिस्ट्रेशन किया है. इन सभी को कुल 68 करोड़ 4 लाख 42 हजार रुपये की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा चुकी है. कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना का मकसद देशभर के घरों को सौर ऊर्जा से जोड़कर मुफ्त बिजली देना है. उन्होंने लोगों से अपील की कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सिर्फ बिजली कंपनी के रजिस्टर्ड वेंडर से ही सोलर पैनल लगवाएं.
इस योजना के तहत 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर 30,000 रुपये, 2 किलोवाट पर 60,000 रुपये और 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक के सिस्टम पर 78,000 रुपये तक की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है. यह योजना लोगों को सस्ते और साफ ऊर्जा विकल्प अपनाने में मदद कर रही है. प्रबंधक संचालक ने कहा कि पीएम सूर्य घर योजना का शुभारंभ 13 फरवरी 2024 को हुआ था. तब से लेकर अब तक हजारों बिजली उपभोक्ताओं को योजना से जोड़ा गया है. योजना में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
यहां करें ऑनलाइन आवेदन
इसके लिए पीएम सूर्य घर योजना की वेबसाइट https://www.pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए कंपनी की वेबसाइट www.portal.mpcz.in अथवा उपाय ऐप, वॉट्सएप चेटबॉट एवं टोल फ्री नं, 1912 पर भी संपर्क किया जा सकता है. प्रबंध संचालक ने कहा कि उपभोक्ताओं को समय पर सब्सिडी मिले, इसके लिए जरूरी है कि उनके बैंक खाते, आधार कार्ड और बिजली बिल में नाम एक जैसा हो. अगर तीनों में नाम अलग-अलग हुआ, तो सब्सिडी मिलने में परेशानी हो सकती है.
वेंडर के खिलाफ सख्त कार्रवाई
उन्होंने यह भी कहा कि 1 दिसंबर 2024 से जो भी सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनमें सिर्फ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. ये स्मार्ट मीटर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तय रेट (SOR) पर उपभोक्ताओं को दिए जाएंगे. इससे उपभोक्ताओं को सोलर वेंडर को भुगतान करते समय 6 से 8 हजार रुपये तक की बचत होगी. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि जिन सोलर प्लांट्स में नेट मीटर, मोडेम और सिम लगने के बाद भी डेटा कम्युनिकेशन नहीं हो रहा है, वहां संबंधित सोलर वेंडर को नोटिस दिया जाए. अगर इसके बाद भी समस्या बनी रहती है, तो वेंडर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.