भारत में खाने के तेल का आयात हुआ कम, पाम ऑयल की खपत घटी

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार झगड़े (ट्रेड वॉर) का असर पाम ऑयल पर भी पड़ सकता है. अमेरिका ने पाम ऑयल पर 10% टैक्स लगाया है, जिससे यह महंगा हो जाएगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 12 Apr, 2025 | 03:26 PM

भारत में नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच खाने के तेल (Edible Oil) का आयात थोड़ा कम हुआ है. पिछले साल इसी समय भारत ने 57.65 लाख टन तेल मंगवाया था, जबकि इस साल यह 56.39 लाख टन रहा. यानी 2.18% की कमी आई है.

कम क्यों हुआ आयात?

इसकी बड़ी वजह पाम ऑयल का कम आना है. पाम ऑयल दो तरह का होता है-  क्रूड पाम ऑयल और RBD पामोलीन. इस बार इन दोनों का कुल आयात सिर्फ 24.15 लाख टन रहा, जो पिछले साल 35.29 लाख टन था. इसका मतलब पाम ऑयल की मांग या सप्लाई दोनों में गिरावट आई है.

सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग बढ़ी

पाम ऑयल कम आया लेकिन सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे सॉफ्ट ऑयल्स का आयात बढ़ा है. भारत ने इस बार 19.11 लाख टन सोयाबीन ऑयल मंगवाया, जो पिछले साल सिर्फ 8.82 लाख टन था. अब सॉफ्ट ऑयल्स की हिस्सेदारी बढ़कर 57% हो गई है.

ट्रेड वॉर का असर

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार झगड़े (ट्रेड वॉर) का असर पाम ऑयल पर भी पड़ सकता है. अमेरिका ने पाम ऑयल पर 10% टैक्स लगाया है, जिससे यह महंगा हो जाएगा. इसलिए अमेरिका अब सोयाबीन ऑयल जैसे सस्ते विकल्पों की ओर जा सकता है.

तेल भारत कहां से मंगवाता है?

इंडोनेशिया से सबसे अधिक पाम ऑयल आया है. इसके साथ ही अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस से सोयाबीन ऑयल मंगाया गया, जबकि रूस, यूक्रेन और अर्जेंटीना से सूरजमुखी तेल मंगाया गया है.

भारत ने साबुन और फैक्टरी में इस्तेमाल होने वाले कुछ तेल जैसे PFAD और RBD पाम स्टेरिन भी बड़ी मात्रा में मंगवाए गए हैं. इस बार इनका आयात 1.66 लाख टन रहा, जो पिछले साल से कहीं अधिक है.

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