भारतीय ऑर्थोडॉक्स चाय की कीमतें गिरीं, ईरान-इजराइल टकराव बना बड़ी वजह

युद्ध जैसी स्थिति की वजह से ईरान को ऑर्थोडॉक्स चाय भेजना जोखिम भरा हो गया है. नतीजा यह है कि बिक्री और कीमतों दोनों में 5-10 फीसदी तक की गिरावट आई है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 21 Jun, 2025 | 01:07 PM

भारत की खास ऑर्थोडॉक्स चाय, जो अपने स्वाद और खुशबू के लिए दुनियाभर में जानी जाती है, इन दिनों एक बड़े संकट से गुजर रही है. कारण है पश्चिम एशिया में जारी ईरान और इज़राइल के बीच का तनाव. इस युद्ध का सीधा असर अब भारत के चाय निर्यात पर पड़ रहा है, खासकर उस ऑर्थोडॉक्स चाय पर, जिसे ईरान बड़ी मात्रा में खरीदता रहा है. शिपमेंट में देरी, भुगतान को लेकर अनिश्चितता और मालभाड़ा बढ़ने जैसी समस्याएं अब चाय कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही हैं.

ईरान के बाजार में निर्यात घटा, कीमतें भी गिरीं

चाय निर्यातकों के अनुसार, युद्ध जैसी स्थिति की वजह से ईरान को ऑर्थोडॉक्स चाय भेजना जोखिम भरा हो गया है. नतीजा यह है कि बिक्री और कीमतों दोनों में 5-10 फीसदी तक की गिरावट आई है. पहले जहां इस चाय की अच्छी कीमतें मिल रही थीं, अब व्यापारी खरीदी को लेकर हिचकिचा रहे हैं.

शिपमेंट और पेमेंट को लेकर चिंता

इंडिया बिजनेस एंड ट्रेड के अनुसार भारतीय चाय एसोसिएशन के चेयरमैन हेमंत बंगुर का कहना है कि व्यापारी नीलामी से चाय लेने में अब सतर्क हो गए हैं क्योंकि शिपमेंट कब और कैसे होगी, इस पर स्पष्टता नहीं है. साथ ही, पेमेंट का रिस्क भी बढ़ गया है. यह डर व्यापार को धीमा कर रहा है.

ईरान है भारत का बड़ा ग्राहक

ईरान हर साल भारत से करीब 35 मिलियन किलोग्राम चाय खरीदता है. सिर्फ 2024 में भारत ने ईरान को लगभग 41 मिलियन डॉलर की चाय एक्सपोर्ट की थी, जो 2023 से लगभग 39 फीसदी ज्यादा थी. लेकिन अब इस बढ़त को बरकरार रखना मुश्किल लग रहा है.

अप्रैल-मई में चाय निर्यात में बढ़ोतरी, पर टेंशन बरकरार

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-मई 2025 में भारत ने कुल 135.67 मिलियन डॉलर की चाय निर्यात की, जो पिछले साल से करीब 9 फीसदी ज्यादा है. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अगर जंग लंबी चली, तो यह ग्रोथ टिक पाना मुश्किल होगा.

पूरा पश्चिम एशिया भारत के लिए अहम बाजार

आईसीआरए के वाइस प्रेसिडेंट सुमित झुनझुनवाला के अनुसार, सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि इराक, कतर, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश भी मिलकर हर साल करीब 90 मिलियन किलो भारतीय चाय खरीदते हैं. अगर तनाव बढ़ा, तो पूरी सप्लाई चेन पर असर पड़ेगा.

साउथ इंडिया से भी धीमी हो रही है सप्लाई

दक्षिण भारत से भी कुछ मात्रा में ईरान को ऑर्थोडॉक्स चाय भेजी जाती रही है, लेकिन अब वहां के व्यापारी भी अनिश्चितता की वजह से सतर्क हो गए हैं. दक्षिण भारत चाय निर्यातक संघ के अध्यक्ष दीपक शाह कहते हैं, “कोई भी ऐसे देश में व्यापार करना नहीं चाहेगा, जहां युद्ध का माहौल है.”

चाय व्यापारी अब “वेट एंड वॉच” की स्थिति में हैं. उम्मीद है कि हालात जल्द सुधरेंगे और फिर से भारत की खुशबूदार चाय ईरान के बाजारों में उसी तरह बहेगी जैसे पहले बहती थी.

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