मार्केट में नहीं मिल रहे नींबू के खरीदार.. गिरकर 20 रुपये किलो हुआ रेट, किसानों को नुकसान

नींबू की कीमतें गिरकर 20-30 रुपये प्रति किलो रह गई हैं. ओवरप्रोडक्शन और निर्यात बंद होने से बाजारों में नींबू की भरमार है, लेकिन खरीदार नहीं हैं. किसान और व्यापारी परेशान हैं और सरकार से राहत योजनाएं या निर्यात बढ़ाने के उपायों की मांग कर रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 14 Jun, 2025 | 11:58 AM

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में पिछले हफ्ते से नींबू की कीमतों में तेज गिरावट आई है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों परेशान हैं. अब नींबू सिर्फ 20 से 30 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है. पहले सीजन के दौरान रोज 20 ट्रकों तक नींबू उत्तर भारत के राज्यों में भेजे जाते थे, जिससे स्थानीय बाजारों में खूब रौनक रहती थी. लेकिन अब यह व्यापार बुरी तरह से ठप हो गया है. नेल्लोर जिले में ही 17,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में नींबू की खेती होती है. पोडालकुर और गुडूर के नींबू बाजार अपने उच्च गुणवत्ता वाले नींबुओं के लिए मशहूर हैं और देश-विदेश में सप्लाई करते हैं.

व्यापारियों ने अचानक आई इस गिरावट पर चिंता जताई है. निर्यात बंद हो गया है, फिर भी उन्हें किसानों से नींबू खरीदना पड़ रहा है क्योंकि फसल लगातार आ रही है. एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि निर्यात बाजार में खरीदार नहीं हैं, फिर भी हमें किसानों से नींबू लेना पड़ रहा है. इससे पूरे नींबू कारोबार में बेचैनी बढ़ गई है. इस संकट से किसानों की आमदनी पर असर पड़ रहा है और पूरी सप्लाई चेन की स्थिरता खतरे में है. व्यापार से जुड़े लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह दखल दे, निर्यात बाजार को फिर से सक्रिय करने के रास्ते तलाशे या कीमतें स्थिर रखने के लिए राहत कदम उठाए.

बाजारों में नींबू की भरमार हो गई है

आंध्र प्रदेश के पोडालकुर, गुडूर, एलुरु और तेनाली जैसे बड़े केंद्रों के साथ-साथ कई छोटे बाजारों से भी परंपरागत रूप से भारी मात्रा में नींबू का निर्यात होता रहा है. इस साल कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों में भी नींबू की खेती बड़े स्तर पर बढ़ी है, जिससे उत्पादन काफी ज्यादा हो गया है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बागानों में भी अच्छी फसल हुई है. इसके चलते बाजारों में नींबू की भरमार हो गई है.

मार्केट में नहीं मिल रहे नींबू के खरीदार

सूत्रों के अनुसार दिल्ली, मथुरा, रुड़की, वाराणसी, गोकलपुर, चेन्नई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों के थोक खरीदारों ने नींबू की अतिरिक्त आपूर्ति को देखते हुए नई खेप भेजने से मना कर दिया है. कुछ खरीदार तो पहले से भेजी गई खेप को भी ठुकरा रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब हालात ये हैं कि कीमतें तेजी से गिर गई हैं, लेकिन व्यापारी किसानों से आने वाली उपज को मना नहीं कर पा रहे हैं. बाजार यार्डों में नींबू का ढेर लग गया है, लेकिन खरीदार नहीं हैं.

ट्रकों में भर-भरकर नींबू आ रहा है

पोडालकुर नींबू बाजार के व्यापारी बीके रेड्डी ने कहा कि हम बहुत मुश्किल हालात में हैं. ट्रकों में भर-भरकर नींबू आ रहा है. ऐसे समय में हम किसानों को मना नहीं कर सकते, लेकिन कीमतों के फिर से सुधरने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही. सिर्फ निर्यात फिर से शुरू हो जाए, तभी हम इस संकट से निकल सकते हैं.लगातार बढ़ती आपूर्ति और कमजोर मांग की वजह से अब किसान और व्यापारी दोनों सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि सरकार कोई राहत योजना शुरू करे या निर्यात के रास्ते खोलकर बाजार को स्थिर बनाए.

Published: 14 Jun, 2025 | 11:54 AM