Mandi Bhav: पंजाब में 110 रुपये हुआ टमाटर, इस वजह से बढ़ीं कीमतें..बींस का रेट 200 रुपये

पंजाब में सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. लुधियाना में टमाटर 100-110 रुपये प्रति किलो और फ्रेंच बींस 200 प्रति किलो बिक रही हैं. भारी बारिश और हिमाचल में भूस्खलन के कारण सप्लाई पर असर पड़ा है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Aug, 2025 | 12:11 PM

महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तो दूसरी चीज महंगी हो जाती है. फिलहाल पंजाब में महंगाई का असर कुछ ज्यादा ही देखने को  मिल रहा है. लुधियाना में गर्मियों में आम तौर पर 30-40 रुपये प्रति किलो बिकने वाले टमाटर अब 100-110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. वहीं, शिमला मिर्च और फ्रेंच बीन्स, जो पहले 40 रुपये प्रति किलो मिलती थीं, अब 200 रुपये प्रति किलो या उससे ज्यादा में बिक रही हैं. इस तेज बढ़ोतरी की वजह इलाके में हुई भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन को बताया जा रहा है. क्योंकि भूस्खलन से सड़कों पर आवाजाही रुक गई है और सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापारियों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण सब्जियों की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है. व्यापारियों के मुताबिक, मॉनसून से पहले पंजाब के अलग-अलग जिलों में रोज 400-500 ट्रक सब्जियां भेजी जाती थीं, लेकिन अब सप्लाई करीब 40 फीसदी कम हो गई है. क्योंकि टमाटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी और फ्रेंच बीन्स जैसी फसलें कटाई से पहले ही खराब हो गई हैं. यही वजह है कि मांग के मुकाबले सप्लाई में गिरावट आने से सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं.

कारोबार 70 फीसदी प्रभावित

वहीं, स्थानीय सब्जी मंडी के थोक व्यापारियों ने भी चिंता जताई है. लक्की वेजिटेबल्स के लक्की ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की वजह से सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि मंडी में कारोबार 70 फीसदी तक गिर गया है. वहीं, ट्रांसपोर्टर्स ने भी परेशानी जताई है. बड़े ट्रांसपोर्टर चरनजीत सिंह लोहारा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित है और वहां से बहुत कम ट्रक आ रहे हैं. क्योंकि सड़कें ब्लॉक हैं. एक तरफ रास्ता साफ किया जाता है, तो अगली सुबह दूसरी तरफ भूस्खलन हो जाता है. ऐसे में ट्रकों को मंडी तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लग रहा है.

इस वजह से बढ़ रही हैं कीमतें

व्यापारियों के मुताबिक, प्याज और आलू जैसे सामान को कोल्ड स्टोरेज में रखा जा सकता है, लेकिन मौसमी सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं. इसलिए ज्यादा दिन तक स्टोर नहीं की जा सकतीं. सप्लाई कम होने से दाम तेजी से बढ़ गए हैं, जिससे आम लोगों के घरेलू बजट पर असर पड़ रहा है. एक गृहिणी रजिता ने कहा कि पहले हफ्ते में सब्जियों पर करीब 500 रुपये खर्च होते थे, अब 800-900 रुपये लग रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि अब नासिक और अहमदाबाद से टमाटर मंगवाए जा रहे हैं, लेकिन मात्रा बहुत कम है. मंडी सूत्रों के मुताबिक, जब तक बारिश खत्म नहीं होती और अगली फसल तैयार नहीं हो जाती, तब तक दाम कम होने की उम्मीद नहीं है.

 

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Published: 13 Aug, 2025 | 12:02 PM

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